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चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज, कहा– ‘संविधान के रक्षक हैं, सभी दल हमारे लिए समान

नई दिल्ली: चुनाव में धांधली और मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने रविवार (17 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के आरोपों का जवाब दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे। चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि उसके लिए न तो कोई पक्ष है और न ही विपक्ष, बल्कि सभी समकक्ष हैं।

‘चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है’
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है। फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है?

जनता का अपमान संविधान का अपमान है- ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का प्रयोग सही नहीं है। देश में भारत के संविधान का अपमान किया जा रहा है। त्रुटि सुधार के लिए SIR किया जा रहा है। बिहार में सात करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ है। जिसका नाम मतदाता सूची में है वो ही वोट दे रहे हैं। चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर देश में राजनीति हो रही है। जनता का अपमान करना संविधान का अपमान है।

कोई भी आपत्ति दर्ज कर सकता है- मुख्य चुनाव आयुक्त
चुनाव आयोग का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को वोटर लिस्ट पर कोई आपत्ति है तो वह संबंधित राज्य के मतदाता पंजीयन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कर सकता है। आयोग ने नेता प्रतिपक्ष को चुनौती दी कि यदि उन्हें अपने आरोपों में सच्चाई लगती है तो वह संबंधित राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के समक्ष शपथ पत्र के साथ अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उस पर कार्यवाही की जाएगी।

जब सबूत मांगा गया तो जवाब नहीं दिया- EC
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया। जब सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया। न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता ऐसे झूठे आरोपों से डरता है। जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है तो आज चुनाव आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिलाओं, युवाओं सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह निडर होकर खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा।’

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