आज मनाई जाएगी ईद-उल-फितर, जानिए तारीख,महत्व और इतिहास
ईद-उल-फितर उन त्योहारों में से एक है, जो मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास है। एक महीने तक रोजा रखने के बाद ईद के इंतजार की खुशी अलग ही होती है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, साल के नौवें महीने में रोजा रखा जाता है
और रमजान के अंतिम दिन बड़ी धूम-धाम से ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सभी रोजेदारों के रोजे पूरे हो जाते हैं। जैसे ही लोग रमजान खत्म होने के करीब पहुंचते हैं। उस दिन को चांद मुबारक कहा जाता है। ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर फज्र की नमाज अदा करते हैं। इसके बाद एक दूसरे को बधाइयां देने के साथ ही ईद का त्योहार मनाया जाता है। क्या है इसका महत्व और इतिहास….
इतिहास
ईद की शुरुआत मदीना नगर से उस वक्त हुई थी, जब मोहम्मद मक्का से मदीना आए थे। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों को ईद के लिये निर्धारित किया था। इस तरह से साल में दो बार ईद मनाई जाती है। जिसे ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा कहा जाता है।