
पेंड्रा: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही का सबसे बड़ा कॉलेज इन दिनों शराबियों की पसंदीदा जगह बनी हुई है। पेंड्रा का डॉ भंवरसिंह पोर्ते शासकीय स्नातकोत्तर कॉलेज जहां करीब एक हजार से अधिक छात्र-छात्रांए पढ़ते हैं और करीब पचास साल पुराना जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय प्रबंधन से काफी शिकायतें है जिसमें सबसे बड़ी शिकायत यह है कि कॉलेज परिसर में बाहरी और कॉलेज के छात्र शराबखोरी करते हैं और शराब की बोतलों इत्यादि को कॉलेज परिसर में ही फेंक देते हैं। आश्चर्य तो तब होता है जब जिले का पुलिस लाइन इसी कॉलेज के ग्राउंड के ठीक बगल में है। जहां दर्जनों पुलिसकर्मी हर समय मौजूद रहते हैं पर कॉलेज परिसर में शराबखोरी किस हद तक होती है इसका अंदाजा यहां पड़ी बोतलों से लगाया जा सकता है।
कॉलेज के प्राचार्य सहित प्रोफेसर इस बड़ी लापरवाही को नजर अंदाज कर रहे हैं। कॉलेज से महज 500 मीटर की दूरी पर अंग्रेजी शराब दुकान होने का फायदा शराबी उठा रहे हैं। कई बार छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन और पुलिस को भी इसकी सूचना दी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। कॉलेज में बाउंड्री वॉल नहीं होने का फायदा दूसरे असामाजिक तत्व उठाते हैं। वहीं छात्रों की शिकायत है कि कॉलेज की लायब्रेरी में पुराने सिलेबस की पुस्तकें दी जा रही है जबकि सिलेबस बदलने के बाद भी लायब्रेरी में पुरानी किताबें है। जनभागीदारी शुल्क के नाम से छात्रों से फीस वसूली जाती है।
वहीं कॉलेज के स्टाफ के समय से पहले ही घर चले जाने और शनिवार को नहीं आने की छात्रों ने शिकायत की है। दरअसल कॉलेज में काफी समय से एक ही प्रिंसिपल के पदस्थ होने से कॉलेज में अव्यवस्था और अनियंत्रित जैसी स्थिति देखी जा रही है। इसके पहले भी पेंड्रा के नागरिकों ने कॉलेज के प्राचार्य को हटाने की मांग को लेकर अधिकारियों से प्रिंसिपल की मनमर्जी की शिकायतें की थी।