25 सालो से अबतक एनएमडीसी क्यो नहीं दी नगर पालिका को टैक्स, प्रशासन भी मौन

दंतेवाड़ा बैलाडीला किरंदुल नगरपालिका में लगभग अभी केवल 08 महिने ही बीते है और 08 महिनो मे केवल बाते बन्द कमरे में होता रहा नगर पालिका किरन्दुल और एनएमडीसी परियोजना किरन्दुल के बीच अब तक जनता को ये नहीं पता चल पाया की आखिरकार नगर पालिका के जनप्रतिनिधी चाहते क्या है ?क्योंकि 25 साल बीत गये है और इन 25 सालों से एनएमडीसी ने नहीं दिया कोई टैक्स ? . वही नगर पालिका अध्यक्ष मृणाल राय ने सितम्बर मे प्रेस कान्फ़्रेन्स के माध्यम से बताया भी था की 23 एकड़ जमीन पर एनएमडीसी ने किया अतिक्रमण, जिसके बाद नगर पालिका ने एनएमडीसी परियोजना किरन्दुल को लगभग 248 करोड़ का बिल भी थमाया था..(NMDC not given tax)
लेकिन अब जनता जानना चाहती है कि बैलाडीला में मौजूद भारत की नवरत्न कंपनियों में से एक NMDC पहाड़ों से लौह उत्खनन कर निर्यात करती है और सालाना हज़ारों करोड़ रुपये मुनाफा कमाती है तो 25 सालो से नगर पालिका का टैक्स क्यो नहीं भरी, आपको बता दिया जाय कि एनएमडीसी नियमानुसार काम करने का दावा करती है तो जाहिर सी बात है सवाल तो उठता है कि आखिर क्यो एनएमडीसी परियोजना किरन्दुल ने किरंदुल नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 23 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा जमाया, और टैक्स भरने में हिचकिचा रही है.
जबकि नगरपालिका अध्यक्ष ने इसकी शिकायत प्रशासन से की और जांच में शिकायत सही पाई गई है। तो अबतक हिसाब 248 करोड़ का हो क्यो नहीं पा रहा है
मामला पुरा एनएमडीसी कर्मचारियों के आवास के लिए दी गयी जमीन की है प्रशासन का कहना है कि जमीन लीज पर एनएमडीसी को दी है लेकिन NMDC प्रबंधन ने लीज क्षेत्र के बाहर जाकर अवैध अतिक्रमण कर आवास निर्माण और उत्खनन करवा रही है.
सितम्बर के प्रेस कान्फ़्रेन्स मे नगर पालिका ने कहा था कि अवैध कब्जे को लेकर नगर पालिका किरंदुल ने 4 बार NMDC को नोटिस दिया है , वावजूद इसके NMDC ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही अवैध कब्जा हटाया है लेकिन विश्वासनिय सुत्रो की माने तो अब मामला कोर्ट मे है लेकिन नगर पालिका द्वारा बार बार एनएमडीसी परियोजना के साथ बन्द कमरे मे बात कर कर के जनता को अंधेरे मे रख रही है क्योंकि सितम्बर के बाद अबतक दोबारा नगर पालिका ने एनएमडीसी से अपना कर के पैसे नहीं मांगना कही ना नही जनता को गुमराह कर रही है.
जनता कहती है हम सभी लोग टैक्स भरते है चाहे घर गरीब का कच्चा मकान का हो गया मध्यवर्ग के सिमेन्ट का या अमीरी महल का टैक्स सब भर रहे है तो एनएमडीसी अपने कर्मचारियों का आवास टैक्स क्यो नही भर पा रही, कही ऐसा तो नहीं की नगर पालिका टैक्स लेती भी हो बस जनता को गुमराह कर रही हो क्योंकि 248 करोड़ का कर “टैक्स” बकाया रहना और दोबारा नगर पालिका उस टैक्स का जिक्र नही करना बड़े सवाल खड़े कर रही है.(NMDC not given tax)