Chhattisgarh: दर्री बांध खुलने से पास के बस्ती में भरा पानी…
कोरबा: शुक्रवार रात से शनिवार की सुबह तक हुई वर्षा दर्री बांध जल प्रवाह का दबाव बढ़ गया। बांध तीन गेट खोले जाने सीतामढ़ी सहित नदी तट से लगे घरों में पानी भर गया। लोगों को घर से निकलकर सुरक्षित स्थान की ओर जाना पड़ा। प्रभावितों ने कहा कि गेट खोलने से पहले सूचना नहीं दिए जाने की वजह से उन्हे परेशानी का सामना करना पड रहा है। सीतामढ़ी के अलावा शहर के रविशंकर शुक्लनगर से दादर को जोड़ने वाली दादरा नाला दूसरे दिन भी उफान पर रहा। अमरैयापारा, रामसागरपारा, वैष्णव दरबार के अलावा लालूराम कालोनी के सड़कों में वर्षा पानी का भराव होने लोगों का घर बाहर निकलना मुश्किल हो गया।
पिछले तीन दिनों से थम-थम कर हो रही वर्षा आम जन-जीवन को प्रभावित किया है। शनिवार रात वर्षा तेज होने दर्री बांध के तीन, छह और सात नंबर गेट को क्रमश: चार, दस और तीन फीट खोलना पड़ा। मानसून आगमन के बाद इस वर्ष पहली बार तीन गेट को एक साथ खोलने स्थिति निर्मित हुई है। बांध से 22,720 क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा है। मानसून आगमन के बाद एक जून से अब तक 13,693.9 मिलीमीटर वर्ष दर्ज किया जा चुका है। बीते वर्ष की तुलना में 2437.31 मिलीमीटर अधिक है।
लगातार हुई वर्षा जनजीवन को प्रभावित किया है। उपरी क्षेत्र तान नदी के पानी का असर भी बांध पर देखा जा रहा है। अन्य दिनों की तुलना में सड़कों पर लोगों की चहल पहल देर से हुई। धूप की वजह से शहर के जिन सड़कों में धूल उड़ रही थी अब वहां वर्षा के कारण गड्ढे बन गए हैं। सड़कों में जिला अस्पताल मार्ग, कोसाबाड़ी, टीपीनगर, मुड़ापार से मानिकपुर पहुंच आदि मुख्य मार्ग में पानी भरने की वजह आटो, दोपहिया वाहन चालकों को गंतव्य तक पहुंचने काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
नदी तटों में बेजा कब्जा का असर
शहर के नदी तटों में बेजा-कब्जा हर साल बढ़ रहा है। नदी का जल प्रवाह क्षेत्र भी सुरक्षित नहीं है। शहर के कई रसूखदार नदी तट में खटाल का संचालन कर रहे हैं। दीगर प्रांत व ग्रामीण क्षेत्र से दिहाड़ी मजदूरी करने पहुंचे लोगों को यहां बेजाकब्जा की जमीन में घर बनाकर सस्ते दर में किराया दिया जाता है। निगम प्रशासन की ओर से समय रहते कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण हर साल लोगाें को जान जोखिम में डाल मानसून गुजारना पड़ता है।
खेत-खलिहान हुुए जलमग्न
लगातार हो रही झमाझम वर्षा से खेत खलिहानों में पानी भर गया है। जिले में रोपाई का काम पूरा हो चुका है। फसल को बीमारी को बचाने के लिए किसान खरपतवार निकालने की तैयारी में जुट थे। वर्षा की वजह से काम ठप हो गया है। अधिक समय तक पानी भराव होने से फसल में बीमारी की आशंका व्यक्त की जा रही है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को सजग करते हुए खेतों में अनावश्यक जल भराव न होने देने की सलाह दी जा रही हैं। तेज जल प्रवाह से मेड़ टूटने व खेते में मिट्टी भरने से किसान परेशान हैं।
तेज वर्षा और हाइडल प्लांट को प्रतिदिन 72 घंटा संचालित करने से दर्री बांध में जल प्रवाह का दबाव बढ़ गया है। बांध के तीन गेट को खोल कर 22,720 क्यूसेक पानी छोड़ा रहा है। नदी तट में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया गया है।