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इस साल 5 वी 8 वी की होगी बोर्ड परीक्षा, फाइनल रिजल्ट में जुड़ेंगे छमाही परिक्षा के नंबर

Board exam : भोपाल। 2007-08 में प्रदेश में बंद हुई 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा फिर से शुरू होने जा रही है। इससे पहले बीते सत्र एमपी बोर्ड में 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन इस सत्र में सरकारी सहित प्राइवेट स्कूलों में भी 5वीं-8वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी। बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग इस सत्र से सरकारी व निजी स्कूलों में भी पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू करेगा। इसके अलावा इस बार पहली बार बच्चों को प्री-बोर्ड परीक्षा से भी गुजरना होगा। प्री बोर्ड परीक्षा फरवरी या मार्च में और बोर्ड परीक्षा मार्च या अप्रैल में होगी।

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इस तरह बनेगा रिजल्ट
Board exam : इस परीक्षा को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइडलाइन जारी कर दी है। विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में 5वीं व 8वीं परीक्षा के स्वरूप, प्रश्नपत्रों का पैटर्न और विद्यार्थियों का मूल्यांकन किस तरह होगा, इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें एनुअल एग्जाम के हर एक सब्जेक्ट को मिलाकर 130 नंबर का होगा। 6 मंथली एग्जाम का हर विषय पूरा 50 नंबर का होगा और इसका 20% अधिभार वार्षिक परीक्षा में जुड़ेगा। इस तरह एनुअल एग्जाम में लिखित का पूर्णांक 60 अंक का अधिभार 60 प्रतिशत और प्रोजेक्ट वर्क का 20 पूर्णांक का अधिभार 20 प्रतिशत को जोड़कर बोर्ड परीक्षा का परिणाम तैयार किया जाएगा। इसके अलावा निजी स्कूलों में SCERT द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर एग्जाम पेपर होगा। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से प्रश्नपत्र तैयार कर स्कूलों को भेजे जाएंगे।

फेल होने पर रि-एग्जाम
Board exam : इस सत्र में प्रदेश के लगभग 16 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। साथ ही इस बार से 5वीं व 8वीं की परीक्षा में निर्धारित योग्यता नंबर नहीं लाने वाले स्टूडेंट्स को फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए दो महीने बाद फिर से परीक्षा होगी। री-एग्जामिनेशन में भी फेल होने वाले बच्चों को उसी क्लास में रोके जाने (डिटेंशन पालिसी) का प्रविधान होगा। हर एक सब्जेक्ट में रिटन एग्जाम 60 नंबर का 33 प्रतिशत यानी 20 नंबर लाना होगा और उससे कम लाने वाले बच्चों का रि-एग्जाम लिया जाएगा। इसके बाद आगर कोई बच्चा फेल हो जाता है तो उसे उसी क्लास में फिर से पढ़ना पड़ेगा। उसे अगली क्लास में प्रोमेट नहीं किया जाएगा।

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फेल होने पर नहीं किया जाएगा प्रमोट

Board exam : प्रदेश में 5वीं-8वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा 2007-08 में बंद कर दी गई थी। निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा बंद कर वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया था। RTI के तहत किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे मूल्यांकन में स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को पास किया जाने लगा। इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मप्र शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। इसके तहत 5वीं- 8वीं के स्टूडेंट्स की एनुअल एग्जाम होगा। साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। साल 2019-20 के सत्र में 5वीं-8वीं के स्टूडेंट्स की वार्षिक परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन कोरोना के चलते बाद में सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया। हालांकि सरकारी स्कूलों में 2021-22 से लागू की गई थी। इस सत्र से प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगा। इस बार 5वीं- 8वीं की बोर्ड परीक्षा प्राइवेट और सरकारी दोनों स्कूलों में लागू होंगी। परीक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिसके तहत अगले महीने से पंजीयन प्रक्रिया शुरू होग

बोर्ड परीक्षा स्कोर
प्रत्येक विषय 130 अंक का होगा
अर्धवार्षिक परीक्षा – 20%अधिभार (50 का राउंड ऑफ)
वार्षिक परीक्षा (लिखित) – 60 प्रतिशत अधिभार (60 का राउंड ऑफ)
वार्षिक परीक्षा (प्रोजेक्ट वर्क) – अधिभार 20% (पूर्णांक 20)

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