Dharamlal Kaushik-गुरु की महिमा से चूर,शिक्षक झूमते हुए क्लास में आते हैं-धरमलाल कौशिक
कबीरदास जी कहते हैं कि अगर सारी धरती को कागज बना लिया जाए समस्त जंगल की लकड़ियों को कलम और सातों समुद्र के जल को स्याही बना लिया जाए तो भी गुरु की महिमा का वर्णन करना संभव नहीं है लेकिन हमारे नेता इस बात को कहां समझते हैं सत्ता के नशे में इतने चूर होते हैं गुरु की महिमा भी उनकी समझ से परे होती है यहां हम बात कर रहे हैं बीजेपी नेता धरमलाल कौशिक की जिन्होंने शिक्षकों पर एक विवादास्पद बयान दिया है जो काफी सुर्खियों में है.(Dharamlal Kaushik)
दरअसल धरमलाल कौशिक का यह बयान कि शिक्षक झूमते हुए क्लास में आते हैं काफी विवादों में घिर गया है
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक जिम्मेदार नेता होने के बाद भी धरमलाल कौशिक ने ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है जिसमें शिक्षकों को शराबी बताया है कि सारी शिक्षकों का अपमान है उन्हें अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए कोविड के दौरान जब सभी को महामारी का खतरा था एक दूसरे से दूरियां बनाकर रहने कहां जा रहा था स्कूल कॉलेज बंद है तब हमारे शिक्षा के थे जो ऑनलाइन माध्यम से तो कभी लाउडस्पीकर से तो कभी चौपालों में पेड़ के नीचे बच्चों को ज्ञान बांट रहे थे पढ़ा रहे थे.
प्रदेश कांग्रेस पवकता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी के नेताओं ने किसी एक वर्ग को निशाना बनाकर बयान दिया है इसके पहले भी किसान आंदोलन के दौरान सांसद संतोष पांडे ने किसानों को नक्सली बताया था कोविड-19 के दौरान सांसद सुनील सोनी ने एम्स में इलाज करा रहे एक वर्ग विशेष के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी पर वक्त वक्त की बात है आज कांग्रेस को मौका मिला है बीजेपी को घेरने का आज या कल बीजेपी को जब मौका मिलेगा वह भी कांग्रेस को छठी का दूध याद दिलाने से पीछे नहीं हटेगी.(Dharamlal Kaushik)