दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई नजदीक आ रही है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि राजस्थान से अगले सप्ताह मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में मानी जा रही है। इस बीच 21 से 24 सितम्बर के बीच यहां बरसात का एक और दौर आएगा.
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत में क्षोभ मंडल के निचले स्तर पर एक प्रति चक्रवात बना हुआ है, इसके कारण अगले पांच दिन राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में बारिश होने की संभावना बहुत कम है। दक्षिण- पश्चिम मानसून की विदाई के लिए स्थिति अनुकूल हो रही है। संभावना है कि अगले सप्ताह मानसून की विदाई राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्रों से शुरू हो जाए। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, सामान्य तौर पर राजस्थान से लौटते मानसून को छत्तीसगढ़ की सीमा पार करने में 10 से 15 दिन का समय लगता है। अगर इस सप्ताह राजस्थान से वापसी शुरू हो गई तो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक यहां से भी मानसून पीछे हट जाएगा। इससे पहले यहां बरसात का एक और मजबूत सिस्टम बन रहा है। जिसके प्रभाव से 21 से 24 सितम्बर तक छत्तीसगढ़ में बरसात होगी। इससे अधिकतर मध्य-उत्तर क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। उसके बाद बरसात कम होती चली जाएगी.
यह सिस्टम कराएगा बरसात
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून द्रोणिका गंगानगर, नारनौल, आगरा, वाराणसी, रांची, दीघा, और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व- मध्य बंगाल की खाड़ी तक मध्य समुद्र तल पर स्थित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पूर्व- मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे तटीय पश्चिम बंगाल-तटीय उड़ीसा के ऊपर 20 सितंबर को बनने की संभावना है। यह प्रबल होकर आगे बढ़ेगा। इसी के असर से छत्तीसगढ़ और बिहार में बरसात संभावित है.(rain alert issued in chhattisgarh)
कल भी बरसात हो सकती है
मौसम वैज्ञानिकों का ऐसा अनुमान है कि,19 सितम्बर को भी छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होगी अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ेंगे। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की भी संभावना बन रही है। रविवार को बलौदा बाजार, कोरबा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर और मुंगेली जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बरसात दर्ज की गई है.
अब तक सामान्य रही है बरसात
छत्तीसगढ़ में अब तक वर्षा सामान्य रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक एक जून से 18 सितम्बर तक यहां औसतन 1084 मिलीमीटर बरसात होती रही है। इस साल इसी अवधि में 1173 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। यह सामान्य से 8% अधिक है। सबसे अधिक 2395 मिमी बरसात बीजापुर जिले में दर्ज हुई है। वहीं सरगुजा जिले में 578 मिमी के साथ सबसे कम पानी बरसा है। रायपुर, मुंगेली, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, महासमुंद, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, कांकेर, कवर्धा, दुर्ग, धमतरी और बलौदा बाजार जैसे बड़े धान उत्पादक जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक बरसात हुई है। इसकी वजह से अच्छी फसल की संभावना बढ़ गई है। सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर, जशपुर और बेमेतरा जिले में ही बेहद कम बरसात की स्थिति बनी है। कुछ तहसीलों में फसलों की बुवाई तक प्रभावित हुई है.(rain alert issued in chhattisgarh)