
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का असर खत्म हो चुका है. शनिवार को दिल्ली में संक्रमण से 1,000 से भी कम नए मामले सामने आए. लेकिन संभावित तीसरी लहर को लेकर IIT दिल्ली द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में प्रतिदिन करीब 45,000 कोविड केस आ सकते हैं और इसमें 9,000 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जमा की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह के संकट से निपटने के लिए राजधानी में प्रतिदिन 944 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी. दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में कई बार ऑक्सीजन की कमी की शिकायत सामने आई थी और इसके कारण कई अस्पतालों में लोगों की मौत भी हुई थी.
हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की एक बेंच ने दिल्ली सरकार से 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं. कोर्ट ने रिपोर्ट के एक हिस्से का जिक्र करते हुए कहा कि ऑक्सीजन प्लांट को विकेंद्रीकृत करने के अलावा, अलग-अलग जगहों और अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन यूनिट स्थापित करने को कहा गया है.
IIT दिल्ली ने संभावित तीसरी लहर में तीन स्थितियों का जिक्र किया है. पहली स्थिति में दूसरी लहर की तरह संक्रमण के मामलों, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और उसके हिसाब से ऑक्सीजन की जरूरतों का अनुमान लगाया गया है. दूसरी स्थिति में संक्रमण के 30 फीसदी अधिक मामलों और तीसरी स्थिति में 60 फीसदी अधिक केस के आधार पर अनुमानों का जिक्र है.