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Raipur NIT चाऊपाटी विवाद: कांग्रेस का थाने घेराव, राजेश मूणत पोस्टर पर कालिख पोतने के मामले में दर्ज FIR का विरोध तेज…

राजधानी रायपुर में यूथ कांग्रेस और NSUI के कार्यकर्ता सरस्वती नगर थाने का घेराव करने पहुंचे हैं। कांग्रेसी, यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर FIR किए जाने का विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों युवा कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत के पोस्टर पर कालिख पोती थी। इस मामले में पुलिस ने युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और साथियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई थी।

राजेश मूणत की पोस्टर पर कालिख पोती
मामला 26 नवंबर का है, जब नालंदा परिसर से जुड़े विकास कार्यों की घोषणा वाले पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें राजेश मूणत की भी फोटो शामिल थी। चौपाटी हटाने का विरोध करते हुए युवा कांग्रेस ने मूणत की तस्वीर पर कालिख पोती।

पोस्टर को नुकसान पहुंचाने पर FIR
FIR के मुताबिक, दिनेश तिवारी नाम के युवक ने शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें बताया कि वह डूमरतालाब मोहबा बाजार में रहता है। 26 नवंबर की सुबह करीब 12:30 यूनिवर्सिटी गेट के सामने विकास कार्य के लिए लगाए गए पोस्टर को नुकसान पहुंचाया गया है।

इस मामले में पुलिस ने छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण एक्ट के अंतर्गत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग करने के खिलाफ FIR दर्ज की है। जिसमें युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष विनोद उर्फ भक्कू कश्यप और उसके साथियों को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

विपक्ष लगातार कर रहा है रायपुर एनआईटी चौपाटी हटाने का विरोध

रायपुर के एनआईटी चौपाटी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दुकानें भले ही आमानाका में शिफ्ट कर दी गई हैं, लेकिन विपक्ष इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। कुछ दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने डिप्टी सीएम अरुण साव से मुलाकात की। इस दौरान 7 दिनों के भीतर जांच कमेटी गठित करने की मांग की गई।

कांग्रेस की प्रमुख मांगें

चौपाटी विवाद की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति बने।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
राजनीतिक दबाव में निर्णय लेने वाले जनप्रतिनिधियों की भूमिका की जांच हो।
भविष्य की कार्रवाइयों के लिए स्पष्ट नीति प्रकाशित की जाए।
आंदोलन की दी है चेतावनी

अगर 7 दिनों के भीतर इन मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेता लोकतांत्रिक तरीके से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

चौपाटी का विरोध और नालंदा-2 का निर्माण

रायपुर में 10 करोड़ रुपए खर्च करके चौपाटी का विकास किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इसे हटाने और नालंदा-2 बनाने की योजना पर काम तेजी से शुरू हुआ। नवंबर 2025 में नगरीय प्रशासन ने नालंदा-2 के लिए टेंडर पूरा कर लिया और 15 नवंबर से चौपाटी शिफ्टिंग की तारीख तय कर दी।

हालांकि, इससे पहले ही रेलवे ने 32 दुकानदारों को नोटिस भेजकर जमीन पर अपना दावा जताया। इस विवाद को लेकर नगर निगम और रेलवे के बीच बातचीत जारी है, ताकि जल्द इस मामले का समाधान निकाला जा सके।

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