छत्तीसगढ़

कांग्रेस सरकार ने नक्सलवाद के सामने घुटने टेके:केदार गुप्ता

 

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा है कि दंतेवाड़ा के अरनपुर ग्राम में नक्सली हिंसा की ताजा कायराना वारदात प्रदेश सरकार के सूचना तंत्र की विफलता का प्रमाण है। इस वारदात में लापरवाही का आलम यह था कि डीआरजी के जवान वहां नक्सलियों को ढूंढ़ने गए, वहां नक्सलियों के होने की चर्चा थी। लेकिन लौटते समय विस्फोट हुआ। गुप्ता ने सवाल किया कि उस वक्त वहां रोड ओपनिंग पार्टी क्यों नहीं थी? जबकि थाना वहां से महज डेढ़ किलोमीटर के दायरे में है। आखिर प्रदेश की भूपेश सरकार नक्सलवाद के मामले में इतनी लापरवाह क्यों है? आखिर यह सरकार किसे बचाना चाहती है? क्या सरकार का यह जिम्मा नहीं है कि वह तत्काल शहीद जवानों के परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराती।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नक्सलवाद को समूल नष्ट करने की पक्षधर है और इस नक्सली वारदातों के लिए लापरवाह लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंकी दुस्साहस अपने चरम पर पहुंच चुका है और प्रदेश सरकार नक्सलियों के सामने घुटनों पर आ गई है। गुप्ता ने नक्सली विस्फोट में शहीद जवानों का अंतिम संस्कार गृह ग्राम में नहीं करने के लिए नक्सलियों द्वारा जारी फरमान को छत्तीसगढ़ की भावनाओं और शहीदों के बलिदान का घोर अपमान बताया।

गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता कि नक्सलियों की धमकी के आगे समर्पण की मुद्रा में आई सरकार ने पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ दो शहीद जवानों का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में करवाने के बजाय दंतेवाड़ा में कराने का निर्णय लिया। गुप्ता ने सवाल किया कि आखिर नक्सलियों का यह दुस्साहस कैसे हुआ कि वे शहीद जवानों का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में नहीं करने का धमकी भरा फरमान जारी करें? गुप्ता ने कहा कि बेहतर तो यह होता कि प्रदेश सरकार कड़े सुरक्षा इंतजाम करके शहीदों का ससम्मान अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में करवाने की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देती और नक्सली धमकी की धज्जियाँ उड़ाकर ईंट का जवाब पत्थर से देती।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है और ‘अपनी सरकार’ के राजनीतिक संरक्षण में नक्सली बस्तर में रक्तपात करके तांडव मचा रहे हैं और अब अंतिम संस्कार में बाधा डालने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि नक्सली विस्फोट की ताजा घटना छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खौफनाक चेहरे को उजागर करती है।

यह तो और बेहद दर्दनाक स्थिति थी कि दो शहीदों की पार्थिव काया को ससम्मान अंतिम संस्कार के लिए गांव और परिवार जन नक्सली धमकी के चलते गृह ग्राम तक ले जाने को तैयार नहीं हुए। गुप्ता ने कहा कि नक्सली आतंक का खौफ बस्तर में चहुँओर है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इन नक्सलियों के आगे घुटने टेककर अपनी लाचारी का प्रदर्शन करके शहीदों की कुर्बानी और लोकतंत्र, दोनों को शर्मसार कर दिया।

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