नई दिल्ली: केंद्र सरकार के साथ शुक्रवार को आयोजित राज्यों की संयुक्त बैठक में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखे जलाने और डीजल बसों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि बैठक में दिल्ली सरकार ने पूरे एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय सुझाए.
इससे पहले, राय ने केंद्र से सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए सहयोगात्मक रूप से एक कार्य योजना विकसित करने के वास्ते एनसीआर के सभी राज्यों की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था. यादव को लिखे पत्र में राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन ये कदम तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्त्रोतों पर ध्यान नहीं देते.
69 फीसदी प्रदूषण एनसीआर राज्यों से आता है
स्वतंत्र पर्यावरण विचारक संस्था ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट’ (सीएसई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 31 फीसदी वायू प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के स्रोतों से उत्पन्न होता है, जबकि 69 फीसदी प्रदूषण एनसीआर राज्यों के स्रोतों से उत्पन्न होता है. राय ने इस बात पर जोर दिया कि एनसीआर राज्यों को पूरे क्षेत्र में पटाखों और पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को चलने की अनुमति देनी चाहिए.
‘डीजल जेनरेटरों पर निर्भरता कम हो’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों में अनेक औद्योगिक इकाइयां अब भी प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का इस्तेमाल कर रही हैं और उन्हें जल्द से जल्द पीएनजी का उपयोग करना चाहिए. राय के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों में संचालित प्रदूषण फैलाने वाले ईंट भट्टों को प्रदूषण कम करने के लिए जिग-जैग तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एनसीआर की सभी आवासीय सोसाइटियों को हर समय बिजली उपलब्ध करानी चाहिए ताकि डीजल जेनरेटरों पर निर्भरता कम हो.