मामूली विवाद और तलाक : रिश्तो की खटास के बीच सिसकता बचपन…

इन दिनों जीवन की चुनौतियों से रिश्ते कमजोर पड़ रहे है. छत्तीसगढ़ में भी एक दंपति के बीच हुई मामूली विवाद तलाक तक पहुंच गया है. जिनके दो बच्चे है बड़ा बेटा पिता के साथ छोटा बेटा मां के साथ रहता है. लेकिन बच्चे माता के साथ रहना चाहते है पर दंपती एक साथ रहने के लिए अपनी आपसी विवाद को सुलझा नहीं पा रहे है तो ये ये मामला राज्य महिला आयोग के पास पहुंचा है. महिला आयोग की सुनवाई में छोटे बच्चे की मासूमियत ने माता पिता को एक साथ रहने के लिए मजबूर कर दिया है.

दरअसल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने बुधवार को कबीरधाम जिले में सुनवाई की है. इसमें एक करीब 6 महीने से पति पत्नी एक दूसरे से अलग हो गए है. इस मामले में महिला आयोग की सुनवाई के दौरान छोटे बेटे ने मां और पिता का हाथ पकड़कर एक साथ रहने के लिए मासूमियत से कहा तो माता पिता मान गए. इसका एक तस्वीर भी सोशल में आज छाया हुए है.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने बताया कि पति पत्नी के दो संतान है और दोनो के पास एक एक संतान हैं दोनों को आयोग की द्वारा समझाइश दिया गया है. उन्होंने बताया की पति पत्नी सुनवाई के बीच भी विवाद कर रहे थे. इनके मध्य खाना पीना को लेकर विवाद चल रहा था. तब मां के साथ छोटा बेटा आया था.छोटे बच्चे से जब पूछा गया की किसके साथ रहोगे तो मासूम बोला माता पिता दोनों के साथ. इसके बाद बच्चा अपने माता पिता दोनों के हाथ पकड़कर बोला कि आप दोनो के साथ रहना है, इतने में ही माता पिता का गुस्सा ठंडा पड़ गया और उन्होंने एक साथ रहने के लिए तैयार हो गए.
सुनवाई में ये जानकारी भी मिली की पति एक शिक्षाकर्मी है. महीने में 45 हजार रुपए की सैलरी है लेकिन पत्नी को भरण पोषण के लिए पैसे नहीं देता है. इससे पत्नी छोटे बच्चे के पालन पोषण में परेशान हो रही थी. महिला आयोग की अध्यक्ष के कहने पर अब पति हर महीने पहले सप्ताह पर पत्नी को 15 हजार रुपए देने के लिए मान गया है. वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमई नायक ने बताया कि फिलहाल दोनों एक साथ रहने के लिए मान गए है. पर पति एक महीने का वक्त चाहता है उसके बाद आगे निर्णय लेने की बात कह रहा है. फिलहाल दपंती पर हमारी नजर है.