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भोपाल: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ जांच को डेढ़ साल तक टाला और अपने राजनीतिक अभियान के लिए उसी आरोपी से 508 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, जबकि ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री सूचना एवं प्रौद्योगिकी राजीव चन्द्रशेखर ने न्यूज18 को एक इंटरव्यू में दी है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पहले ही दिन लिखे जाने के बाद केंद्र ने महादेव बेटिंग समेत 22 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए रविवार को कार्रवाई की. जबकि भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने ऐप पर प्रतिबंध लगाने में काफी देरी की.
राजीव चंद्रशेखर ने बताया ‘इसमें काफी देरी हो गई क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार के रूप में भूपेश बघेल सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले इन ऐप्स की जांच शुरू कर दी थी और यह पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में था. वे चाहते तो उसी समय भारत सरकार और एमईआईटीवाई को पत्र लिखकर इन ऐप्स पर कार्रवाई की मांग कर सकते थे.’ वह इन सट्टेबाजी ऐप्स का पता लगाने के पहले पांच मिनट के भीतर ऐसा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया.’ उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर सीएम बघेल की ओर से उन्हें एक भी पत्र नहीं मिला.
सीएम भूपेश बघेल ने 1.5 साल तक जांच बढ़ाई और फिर…
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ‘ सीएम भूपेश बघेल ने इस जांच को 1.5 साल तक चलाने का फैसला किया और जाहिर तौर पर इस जांच को बढ़ाने के परिणामस्वरूप 508 करोड़ रुपए जमा किए थे. और आज जब वह ईडी और हमारे द्वारा पकड़ा गया है, तो वह कहानी बना रहे हैं कि यह उनकी जिम्मेदारी नहीं थी. यह पूरी तरह से उनकी जिम्मेदारी थी और यह उनका प्रशासन था जो अवैध आपराधिक ऐप की जांच कर रहा था और यह उनका कर्तव्य था कि जांच शुरू होने पर तुरंत इन ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए कहें.’
उन्हें जवाब देना होगा कि वह पैसा कहां से आया
चन्द्रशेखर ने कहा कि इसके बजाय, बघेल ने स्पष्ट रूप से वह किया है जो अब सभी को पता है कि उन्होंने जांच को 1.5 साल तक बढ़ा दिया और ऐप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. चंद्रशेखर ने News18 को बताया कि ‘हमारे पास जो है, वह यह है कि भूपेश बघेल ने उन्हीं लोगों से 508 करोड़ रुपये की रिश्वत ली है. उन्हें जवाब देना होगा कि वह पैसा कहां से आया और उन्होंने इस अवैध आपराधिक उद्यम पर प्रतिबंध लगाने पर कार्रवाई क्यों नहीं की – और वह कैसे धन इकट्ठा कर रहे हैं और ऐसे आपराधिक तत्वों के पैसे से राजनीतिक अभियान चला रहे हैं.’
और आपको अचानक 508 करोड़ रुपये मिल गए
मंत्री ने यह भी पूछा कि क्या सीएम ने ऐप के बारे में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बताया था, जबकि केंद्र को इस मामले से अनभिज्ञ रखा था. मंत्री ने कहा ‘ये सभी वैध प्रश्न हैं यदि आप (बघेल) बैठे हैं और 1.5 साल से कुछ नहीं कर रहे हैं और आपको अचानक 508 करोड़ रुपये मिल गए हैं… वे आपके अच्छे रूप और आकर्षण के लिए आपको वह पैसा नहीं दे रहे हैं, इसलिए यह एक आपराधिक उद्यम है जब यह है एक सीएम को 508 करोड़ रुपये देते हुए पकड़ा गया, तो जवाब देना होगा.’ उन्होंने आगे कहा कि रविवार को ईडी से अनुरोध मिलने के बाद केंद्र ने 22 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए कुछ घंटों के भीतर कार्रवाई की. विदेशी भूमि में बैठे महादेव ऐप के पीछे के आरोपियों की गिरफ्तारी पर चंद्रशेखर ने कहा, “मैं इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकता कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां आरोपियों को सजा दिलाने के लिए क्या करेंगी.”