Exclusive सुपेबेड़ा में मौत का तांडव, किडनी के बीमारी से फिर हुई एक की मौत, आकड़ा पहुंचा 81
रवि तिवारी देवभोग:- Supebeda kidney disease छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में किडनी प्रभावितों की मौत का सिलसिला जारी है. गॉव में आज एक और किडनी रोगी की मौत हो गई. सुपेबेड़ा गांव की पहचान किडनी रोगियों के लिए जग जाहिर है. पिछले 8 साल से किडनी के मरीजों की मौत हो रही है
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. आज गॉव के लेखन आडिल की मौत हो गई. लेखन किडनी के रोग से पीड़ित था. गांव में किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है. किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा गांव की अबतक ना तस्वीर बदली है और ना ग्रामीणों की तकदीर.
ग्रामीण आज भी दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.यहां बताना लाजमी होगा कि लेखन 63 वर्ष के थे.. वहीं वर्ष 2020 में ओड़िसा में इलाज के दौरान उन्हें पता चला था कि उनका क्रिटिनिन लेवल लगातार बढ़ रहा है…
डायलीसिस करवाने को तैयार नहीं था मृतक
Supebeda kidney disease गांव के हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं. गांव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि लेखन आडिल को पिछले महीने जिला अस्पताल लेकर गए थे. इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने डायलिसिस के लिए बोला था. किडनी की बीमारी से पीड़ित को सांस की भी बीमारी थी. आडिल को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एम्स रेफर किया था
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और डायलीसिस करवाने की सलाह भी दी थी.. लेकिन पीड़ित और उसके परिजनों ने डायलीसिस करवाने से मना कर दिया और वे इलाज से पहले छुट्टी कराकर गांव आ गये . मामले में सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न का कहना है कि लेखन आडिल ने इलाज में लापरवाही बरती. सीएमएचओ के मुताबिक लेखन जिला अस्पताल में भी भर्ती था..
Supebeda kidney disease इलाज के दौरान उसे डायलीसिस करवाने की सलाह दी गई थी.. लेकिन उसने और उसके परिजनों ने डायलीसिस नहीं करवाने की बात कहीं.. हमने लेखन को एम्स के लिए भी रेफर किया था.. लेकिन उसने वहां भी जाने से मना कर दिया… डॉक्टर नवरत्न ने बताया कि मृतक ने एक बार भी डायलीसिस नहीं करवाया.. उसका क्रिटिनिन लेवल भी बढ़ा हुआ था..
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जिला अस्पताल में ज़ब मृतक भर्ती था, तो मैंने भी खुद जाकर उसे समझाया था कि वह एम्स जाकर इलाज करवाए.. लेकिन उसने इलाज करवाने से मना कर दिया.. दो बार जिला अस्पताल में भर्ती था.. लेकिन यही से इलाज करवाकर वह वापस घर चले जाता था…