छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी हंगामे के आसार,जानें-आज क्या होगा?
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही. सत्र के पहले दिन बुधवार को विपक्ष ने जिस तरह से विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सदन की आने वाली बैठकों में भी हंगामे के आसार हैं. सत्र के दूसरे दिन विपक्ष अब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.इससे पहले बुधवार को पहले दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था , जल जीवन मिशन के तहत गड़बड़ी का मामला शुरू किया.
प्रश्नकाल में पक्ष विपक्ष तीखी बहस करते नजर आये. धमतरी विधायक रंजना डिपेन्द्र साहू ने जल जीवन मिशन में घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य पूरा नहीं होने को लेकर पीएचई मंत्री गुरू रुद्र कुमार से सवाल किया. इस दौरान पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि तीन सालों के लक्ष्य के अनुपात में राज्यांश नहीं दिया गया है. पीएचई के ठेकेदारों को पांच-पांच महीने तक पेमेंट नहीं दिया जा रहा है. केन्द्र के नियम के तहत हर दिन पांच हजार कनेक्शन नहीं दिया जाएगा तो केन्द्रांश रोक दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा है.(monsoon session of Chhattisgarh)
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पैसों के बंदरबाट का आरोप
इधर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन के लिए केन्द्र से आये पैसे की बंदरबांट करने का आरोप लगाया. उन्होने कहा कि राज्य में 38 लाख 74 हजार कनेक्शन देना है, लेकिन तीन सालों में केवल छह लाख कनेक्शन ही दिये गये हैं और पूरे देश में छत्तीसगढ़ तीसवें नंबर पर है. इधर मामले में मंत्री गुरू रूद्र कुमार की दलील है कि कोविड और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की वजह से हम लक्ष्य से पीछे है. उन्होंने कहा कि केंद्र के नियम बार-बार बदलते रहे. इस वजह से भी देरी हुई है. नक्सल एरिया में ठेकेदारों के नहीं जाने की वजह से भी देरी हुई. उन्होंने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार अगर इस पर काम करती तो उन्हें जीरो से शुरू नहीं करना पड़ता.9monsoon session of Chhattisgarh)
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टीएस सिंहदेव के इस्तीफे पर भी हंगामा
विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने के चार दिन पहले ही टीएस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने चार पन्नों के लिखे अपने पत्र में काम नहीं करने देने की बात कही. विपक्ष ने इसे भी मुद्दा बनाया और सदन में जमकर हंगामा किया. अब आज विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रख सकता है.