गरियाबंद: ग्रामीण इलाकों में इन दिनों लोग ट्रेडिंग के चक्कर में पड़कर अपने पैसे बर्बाद कर रहे हैं। ठग बड़े शातिर अंदाज से युवाओं को अपना निशाना बना रहे हैं। इसके लिए पहले उन्हें प्रॉफिट का झांसा दिया जाता है। शुरुआत में अच्छी-खासी कमाई देखकर लोग ज्यादा पैसे इनवेस्ट करने लगते हैं। यहीं वे गलती करते हैं और अपने सारे पैसे गंवा बैठते हैं।
प्रॉफिट का झांसा 2 महीने से ज्यादा नहीं चलता। इस बीच शातिर लोगों को अपने नीचे और लोगों को जोड़कर ज्यादा पैसे कमाने का लालच देते हैं। यानी युवा अपने साथ-साथ अपने परिचितों को भी ट्रेडिंग के जाल में धकेल रहे हैं। ट्रेडिंग के जाल में फंस चुके कुछ लोगों ने RJ news से बातचीत में बताया, जब पैसे निकालने की बारी आती है तो कंपनी अपनी पॉलिसी बदल देती है या फिर बंद कर देती है। जैसा अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले हुआ है। इमली ऐप के साथ ही साथ सभी के लिए टेलीग्राम में एक ग्रुप बनाया हुआ था। इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर भेजे जाते थे। इसी के हिसाब से काम करना होता था। गलत दबाने पर पैसा जो माइनस हो जाता था। इसके चलते टेलीग्राम ग्रुप में आंसर को भेजा करता था। इसके लिए इस समय भी निर्धारित था। 10 मिनट के अंदर ये काम करना होता था। इमली ऐप ट्रेडिंग के नाम पर चला रहा था। दीपावली में ऑफर कुछ इस तरह दिए गए कि 2 हजार लगाकर जुड़ने में 3000 दिए जा रहे थे। प्रतिदिन रात 8 बजे ट्रेडिंग करने पर 150 से 200 रूपए मार्जिन देने की बात कही जा रही थी। कंपनी एक-दो दिन में पैसा निकासी चालू होने की बात कहती रही। इस बीच 21 नवंबर की दोपहर ऐप अचानक बंद हो गया। किसी ने 2000, किसी ने 5000 रूपए, तो किसी-किसी ने इसमें 30 हजार भी इनवेस्ट किए थे। अब इनका सर चकराने लगा है।