धमतरी: छूटभैया नेताओं ने नाक में दम कर दिया है, जिनकी वजह से जिला और पुलिस प्रशासन परेशान तो है ही वही पार्टी के नेताओं का भी सिरदर्द बढ़ गया है और पार्टी की छवि पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है। चुनाव के समय जिसका बड़ा खामियाजा भी पार्टी को ही भुगतना पड़ सकता है, ऐसी चर्चा भी होने लगी है। ज्ञात हो कि शहर समेत जिले के ग्रामीण इलाके विकास से कोसों दूर है। मगर यहां विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीति बराबर होती रहती है, मुद्दा कहीं का भी रहे मगर यहां आंदोलन प्रदर्शन जरूर नजर आता है। मतलब यह कहा जा सकता है कि रोजाना ही धमतरी में कोई न कोई दल या फिर कोई संगठन आंदोलन की राह पर रहता है। हालांकि इसमें से बहुत से मुद्दे जायज भी रहते है जोकि जनता की आवाज भी रहते है। मगर कई बार ऐसा भी होता है कि जायज मांगों को पूरी कराने का तरीका गलत भी अपना लिया जाता है।
फिर पूर्व से अब तक हुए बहुत से आंदोलन प्रदर्शन इसके गवाह भी है, जिसकी वजह से पब्लिक अलग परेशान हुई है और पार्टी की भी खूब किरकिरी हुई है बल्कि पुलिस को भी कुछ मुद्दों मे एफआईआर भी करना पड़ा है। चूंकि धमतरी में यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है और अब आगे चुनाव है तो यह आगे भी चलता ही रहेगा। तो अब इन मुद्दों पर यह कहा जा रहा है कि कोई भी संगठन या दल हो अपने आंदोलन प्रदर्शन की रूपरेखा बनाने से पहले पब्लिक समेत सारी व्यवस्थाओं को लेकर पहले ही तैयारी कर लें कि प्रदर्शन की तरह हो, न की प्रदर्शन से कोई परेशान हो, क्योंकि कई बार यह भी देखा जाता है कि अति आवेश में आकर कोई कुछ भी करने लग जाता है, जिससे प्रदर्शन मुख्य उद्देश्य से ही भटक जाता है, साथ ही जोखिम भी बढ़ जाता है। अलावा पब्लिक भी परेशान अलग होती रहती है और छुटभैया नेताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आंदोलन प्रदर्शन महज एक मनोरंजन की तरह ही उन्हें नजर आने लगता है, जिससे पार्टी की छवि पर भी गहरा असर पड़ता है।