दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा और सुकमा का सरहदी इलाका माओवादियों के लिए महफूज पनाहगाह माना जाता है. दोनों जिलों के संयुक्त ऑपरेशन ने इसको भी भेद दिया है. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र गोगुंडा, सिमेल, गट्टापाल परिया के बीच पहाड़ियों में 24 घंटे तक चलाए गए संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है. दोनों जिलों की डीआरजी और बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ समेत 201 वाहिनी कोबरा सीआरपीएफ बलों द्वारा यह अभियान संचालित किया गया था. सर्चिंग के दौरान सिमेल की पहाड़ी में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई. हालांकि मौके से नक्सली भागने में कामयाब हो गए. यहां नक्सलियों के दो बड़े कैंप ध्वस्त किए गए. बड़ी मात्रा नक्सल में सामग्री भी जब्त की गई.
सिमेल के दक्षिण में गट्टापाल और परिया के बीच पहाड़ी में लगभग 80-100 नक्सलियों के रहने की क्षमता वाले 2 बड़े-बड़े नक्सली कैम्प ध्वस्त किए गए. इसके साथ ही 2 एकड़ में फैले नक्सली ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त किया गया. गोगुंडा, सिमेल, गट्टा पारा के जंगल-पहाड़ी में दरभा डिवीजन के केरलापाल एरिया कमेटी एसजेडसीएम चैतु, बारसे देवा, जगदीश, जयलाल के साथ करीब 25-30 सशस्त्र वर्दीधारी मौजूद थे. सर्चिंग पर निकली दंतेवाड़ा डीआरजी की पार्टी पर सिमेल के दक्षिण की पहाड़ी के पास फायरिंग की गई. जवाबी कार्रवाई में डीआरजी के जवानों द्वारा भी फायरिंग की गई. जिससे नक्सली खुद को कमजोर पड़ता देख जंगल-पहाड़ी का आड़ लेकर भाग खड़े हुए.