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छत्रपति शिवाजी महाराज का दुश्मन के प्रति व्यवहार भगवद्गीता के अनुरूप था: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का दुश्मन के प्रति व्यवहार भगवद्गीता के अनुरूप था, जो सज्जन की रक्षा और दुष्टों के विनाश की शिक्षा देती है।

आदित्यनाथ ने गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए संस्कृत के श्लोक ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का जिक्र किया और कहा कि जब भी भारतीय समाज इस रणनीति को अंगीकार करेगा, वह कभी अपमानित और परेशान नहीं होगा बल्कि अपनी सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान को बचाने में सफल होगा।

आदित्यनाथ ने भगवान राम और भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं से संबंधित श्लोकों का हवाला दिया और कहा कि तिथियां और काल अलग-अलग थे, उद्घोष की शब्दावली में भी अन्तर था, लेकिन भाव और भावना एक जैसी थी कि ‘‘हम सज्जनों का संरक्षण करेंगे, लेकिन दुर्जन शक्तियों का विनाश करने में कोई संकोच भी नहीं करेंगे।’’

शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाटक ‘जाणता राजा’ के मंचन से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने 350 साल पहले ‘‘अत्याचारी’’ औरंगजेब के समय में भारत में ंिहदवी साम्राज्य की स्थापना की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब औरंगजेब भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नष्ट करने के लिए तत्पर था, तब छत्रपति शिवाजी महाराज ंिहदू साम्राज्य का उद्घोष कर रहे थे। यह अभूतपूर्व था।’’

नाटक का मंचन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की पहल पर किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने यहां एक बयान में कहा कि आदित्यनाथ ने नाटक का मंचन भी देखा।

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