बदलते बस्तर की तस्वीर मंडकम मुदराज…बस्तर में एक नया सवेरा ला रही,छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजनाएं
बदलते बस्तर की तस्वीर मंडकम मुदराज ….. छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बस्तर में एक नया सवेरा ला रही है नक्सल प्रभावित लोगों की जिंदगीया बदल रही है, लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण है मडकम मुदराज की कहानी।
सरकार की कल्याणकारी योजनाओ की शुरुआत होने.
से लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं जैसे आवास अस्पताल बिजली सड़क जो कि बस्तर वासियों के पहुच से बहुत दूर थी, आज आसानी से उन्हें मिल रही है नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी सरकारी योजनाओं का खुलकर लाभ उठा रहे हैं बस्तर में तेजी से बदलाव दिखाई दे रहा है एक नए युग की शुरुआत हो रही है.
मंडकम मुदराज जो कभी लाल आतंक के नाम से जाने थे जिनकी बंदूक से ग्रामीण खौफ खाते थे वह आज उन्हीं के मसीहा बन गये है
आपको बता दे कि मुरकम मुदराज और उनकी पत्नी दोनों नक्सली संगठन में थे, नक्सली कमांडर थे खून खराबे के बीच जीवन बिता रहे थे जिस से निकलना चाह रहे थे लेकिन असहाय थे असमर्थ थे.
अपने ही भाई बंधुओं का खून कर आत्मग्लानि में जी रहे थे मन कचोटता था 1 दिन आत्मसमर्पण करने की ठान ली
आत्मसमर्पण के बाद एसपीओ बने उसके बाद सिपाही, एएसआई ,एसआई और अब डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड मे इंस्पेक्टर है।
बघेल के बस्तर प्रवास के दौरान सुकमा जिले में मडकम मुदराज ने सीएम के सामने जब अपनी आपबीती सुनाई मुख्यमंत्री ने उन्हें पास बुलाकर उनसे हाथ मिलाया.
मडकम मुदराज की इस पहल ने और नौजवानों के लिए भी नक्सलवाद को छोड़कर एक खुशहाल जिंदगी जीने का रास्ता खोल दिया है.