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Chandrayaan-3 के रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम भेजे गये स्लीप मोड में…

चंद्रयान-3 का अभियान लगभग पूरा हो चुका है. इसरो ने ताजा अपडेट जो दिया है, उसके अनुसार रोवर प्रज्ञान ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर दिया गया है. रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम को स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है. मालूम हो चंद्रमा में 14 दिन, दिन और 14 दिन रात होता है. रात में चंद्रमा का तापमान माइनस 250 डिग्री से भी कम हो जाता है.

इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 मिशन में रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है. APXS और LIBS पेलोड बंद हैं. इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है. फिलहाल, बैटरी पूरी तरह चार्ज है. सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए Oriented है. रिसीवर चालू रखा गया है. इसरो को उम्मीद है कि अगले सूर्योदय के दौरान भी रोवर अपना काम कर पाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह हमेशा भारत के चंद्र राजदूत के रूप में व

चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ पर लगे एक अन्य उपकरण ने एक अलग तकनीक का उपयोग करके चंद्र क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एपीएक्सएस) नामक उपकरण ने चंद्रमा पर गंधक के साथ-साथ अन्य छोटे तत्वों का भी पता लगाया है. पोस्ट में कहा गया, चंद्रयान-3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में गंधक (एस) के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए विवश करती है: आंतरिक?, ज्वालामुखीय?, उल्कापिंड?,……? इसरो ने सुरक्षित रास्ते की तलाश में घूमते रोवर का एक वीडियो भी जारी

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