रायपुर: छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक किस्मत लाल नंद ने अजीत जोगी द्वारा स्थापित पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का दामन थाम लिया. जेसीसी (जे) में शामिल होने के तत्काल बाद पार्टी ने नंद को सरायपाली सीट से टिकट दे दिया जहां से वह विधायक हैं.
जेसीसी (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक अमित जोगी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर नंद के शामिल होने की तस्वीरें पोस्ट की और लिखा, ”सरायपाली से वर्तमान कांग्रेस विधायक श्री किस्मत लाल नंद जी आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हुए. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्रीमती रेणु जोगी जी की उपस्थिति में श्री नंद जी ने जेसीसीजे की सदस्यता ग्रहण की.”
जोगी ने लिखा है, ”श्रीमती डॉक्टर रेणु जोगी जी ने श्री किस्मत लाल नंद जी को जोगी कांग्रेस का सरायपाली विधानसभा से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया और उन्हें चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत की अग्रिम शुभकामनाएं दी.” कांग्रेस ने सरायपाली से चतुरी नंद नाम की महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है.
राज्य में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर क्षेत्र से पार्टी के एक अन्य विधायक अनूप नाग अंतागढ़ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी के दो और नेता कांग्रेस की मुंगेली जिला इकाई के अध्यक्ष सागर सिंह बैस और महासमुंद नगर पालिका की अध्यक्ष राशि महिलांग ने अपनी पार्टी छोड़ दी है और वह भी जेसीसी (जे) में शामिल हो गए हैं.
जेसीसी (जे) ने बृहस्पतिवार को महासमुंद विधानसभा सीट से महिलांग और लोरमी सीट से बैस को मैदान में उतारा है. नंद और महिलांग को टिकट देने की घोषणा के बाद जोगी ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि उन्होंने नंद और महिलांग के लिए सुरक्षा की मांग की है.
जोगी ने लिखा है, ”आज भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय को पार्टी ने पत्र लिखकर हमारे दो प्रत्याशी – सरायपाली विधानसभा से श्री किस्मत लाल नंद जी एवं महासमुंद विधानसभा से श्रीमती राशि महिलांग जी को तत्काल सुरक्षा प्रदान करने का निवेदन किया है.”
उन्होंने आरोप लगाया है, ”जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के इन दोनों ही प्रत्याशियों को मुख्यमंत्री महोदय के गैंग द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है और चुनाव से नाम वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री महोदय जी की यह बौखलाहट लाजमी है क्योंकि अब उन्हें ‘जोगी लहर’ में डूबने का डर सता रहा है. इसलिए ये हथकंडे अपना रहे हैं. जिनके संरक्षण से कुछ तत्व धमकी-चमकी का ओवरटाइम कर रहे हैं, मैं उन लोगों को यह बताना चाहता हूं, हम न रुकेंगे, न झुकेंगे…आप अपना समय बर्बाद मत करो.” जेसीसी (जे) ने बृहस्पतिवार को तीन अन्य उम्मीदवारों प्रभा बेला मरकाम (सामरी), डॉक्टर सरिता भारद्वाज (मुंगेली) और रवींद्र द्विवेदी (जांजगीर-चांपा) की भी घोषणा की.
इन घोषणाओं के साथ ही जेसीसी (जे) ने राज्य की कुल 90 सीटों में से 33 पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जेसीसी (जे) ने पिछला चुनाव बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ा था. इस गठबंधन ने सात सीटें जीती थी. 2000 से 2003 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करने वाले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होने के बाद 2016 में जेसीसी (जे) का गठन किया और 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के साथ गठबंधन में लड़ा.
2018 के चुनाव में कांग्रेस लंबे अंतराल के बाद सत्ता में लौटी. पार्टी ने कुल 90 में से 68 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा 15 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही. जेसीसी (जे) को पांच और उसकी सहयोगी बसपा को दो सीटें मिलीं थी. इस बार के चुनाव में पार्टी ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है. मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने जीजीपी के साथ गठबंधन किया है. पिछले चुनाव में जेसीसी (जे) को कुल 7.6 प्रतिशत मत मिले थे और पांच सीट पर जीत दर्ज की थी. यह छत्तीसगढ़ में किसी क्षेत्रीय पार्टी का पहला बेहतर प्रदर्शन था.
विधायक रहे अजीत जोगी और देवव्रत सिंह की मृत्यु के बाद हुए उपचुनावों में जेसीसी (जे) दो विधानसभा क्षेत्रों मरवाही और खैरागढ़ हार गई थी. वहीं पार्टी ने दो अन्य विधायकों धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को निष्कासित कर दिया है. अब कोटा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी पार्टी की एकमात्र विधायक हैं.