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कनाडाई मंत्रियों और नेताओं ने हिंदुओं के खिलाफ ‘आनलाइन नफरती वीडियो’ की निंदा की

टोरंटो: कनाडा में हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी देने वाला खालिस्तान समर्थक समूह का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के कुछ दिनों बाद, शीर्ष संघीय जनसुरक्षा अधिकारियों और नेताओं ने ‘‘आॅनलाइन नफरती वीडियो’’ की निंदा की और कहा है कि हिंदू ‘‘सुरक्षित हैं और उनका स्वागत है।’’ हालांकि, कैनेडियन ब्रॉडकांिस्टग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की एक खबर के अनुसार, न तो सरकारी निकाय और न ही नेताओं ने वीडियो का नाम लेकर कोई उल्लेख किया।

कनाडा के जनसुरक्षा, लोकतांत्रिक संस्थानों और अंतर सरकारी मामलों के मंत्री डोमिनिक लिब्लांस ने कहा कि ‘हिंदू कनाडाई लोगों को लक्षित करने वाले एक आॅनलाइन नफरती वीडियो का प्रसार उन मूल्यों के विपरीत है जिन्हें हम कनाडाई के रूप में प्रिय मानते हैं।’’

लिब्लांस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘आक्रामकता, नफरत, धमकी वाले कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।’’ वीडियो में खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ का गुरपतवंत ंिसह पन्नू और न्यूयॉर्क का वकील कनाडा के हिंदुओं से ‘‘भारत वापस जाने’’ के लिए कहते हुए दिख रहा है।

देश के सार्वजनिक प्रसारक की खबर में कहा गया है। वहीं कनाडा के जनसुरक्षा विभाग ने भी वीडियो को ‘‘आपत्तिजनक और घृणा फैलाने वाला’’ बताया। विभाग ने ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में कहा, ‘‘आक्रामक, नफरती, धमकी वाली गतिविधियों का इस देश में कोई स्थान नहीं है और ये केवल हमें विभाजित करने का काम करती हैं।’’

सीबीसी ने ‘एक्स’ पर विभाग की पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम सभी कनाडाई लोगों से एक-दूसरे का सम्मान करने और कानून के शासन का पालन करने का आग्रह करते हैं। कनाडाई लोगों को उनके समुदाय में सुरक्षित महसूस होना हैं।’’

यह वीडियो खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप ंिसह निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में हत्या की घटना में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विस्फोटक आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ने के बीच आया था। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।

भारत ने बेहद सख्ती से इन आरोपों को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘बेबुनियाद’’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले उसने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था।

लिब्लांस की भावना को न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत ंिसह और कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे ने भी दोहराया। ‘सीबीसी’ ने पोइलिवरे के ‘एक्स’ पर जारी उनके बयान को उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदू “हाल के दिनों” में घृणित टिप्पणियों से लक्षित किये गए हैं और कहा कि प्रत्येक कनाडाई “बिना किसी डर के” रहने और “अपने समुदाय में सुखद करने” का हकदार है।

पोइलिवरे ने कहा, ‘‘कन्जर्वेटिव हमारे हिंदू पड़ोसियों और दोस्तों के खिलाफ इन टिप्पणियों की ंिनदा करते हैं। हिंदुओं ने हमारे देश के हर हिस्से में अमूल्य योगदान दिया है और उनका यहां हमेशा स्वागत किया जाएगा।’’

ंिसह एक सिख भी हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के हिंदू यहां रहने के हकदार हैं। इससे पहले शुक्रवार को, ट्रूडो की पार्टी के इंडो-कनाडाई जनप्रतिनिध चंद्र आर्य ने कनाडा में “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के नाम पर “आतंकवाद के महिमामंडन” और हिंदुओं को निशाना बनाने वाले नफरती अपराध पर निराशा व्यक्त की थी।

कनाडा के आपातकालीन तैयारी मंत्री हरजीत सज्जन ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सभी पृष्ठभूमि के हिंदू कनाडाई और भारतीयों के लिए मैं कहना चाहता हूं: जो कोई भी कहता है कि आप अपने घर में सुरक्षित नहीं हैं, वह स्वतंत्रता के उन मूल्यों के प्रतीक नहीं हैं जिन्हें हम कनाडाई के तौर पर प्रिय मानते हैं।’’

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