NEW DELHI: इस समय लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। प्रतिदिन हंगामें की स्थिति साफ साफ देखी जा रही है। तो वहीं आज सदन से एक बड़ी खबर सामने आई है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। बता दें कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने का आरोप लगा था, जिसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था। आज जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द कर दी गई है।
सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा ने बयान सामने आया है। उन्होंने पत्रकारों से रूबरू होकर कहा कि, संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लिए थे। जिसमें टीएमसी सांसद ने दर्शन हीरानंदानी से कार और दो करोड़ रुपये की नकदी भी शामिल थी इन आरोपो के कोई सबूत नहीं है। साथ ही कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि कोई पासवर्ड शेयर करे तो उसे निष्कासित किया जाए।
टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा, “एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है…यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।” साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, बीजेपी को लगता है कि मुझे अडानी के खिलाफ बोलने पर बाहर कर देंगे तो ये साफ साफ दर्शाता है कि भाजपा के लिए अडानी कितने महत्वपूर्ण हैं। जिससे अडानी पर कोई सवाल खड़े न हो। सांसद ने रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी की कृष्ण चेतावनी का तीसरा सर्ग की कविता की पंक्ति के बोलकर कहा कि, जब नाश मनुष्य पर छाता है सबसे पहले विवेक मर जाता है।
लोकसभा सदस्य के रूप में अपने निष्कासन पर महुआ मोइत्रा ने कहा, अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे।”
जानकारी के अनुसार एथिक्स कमेटी ने अपने रिपोर्ट में जानकारी दी है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लिए थे। उन्होंने एक कार ली थी, इसके अलावा 2 करोड़ रुपये की कैश रकम ली थी। इन गिफ्ट्स और कैश के एवज में महुआ मोइत्रा पर संसद में गौतम अडानी और पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़े सवाल पूछने का आरोप है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा पर रिश्वत लेने के जो आरोप लगे हैं, वे सीधे तौर पर साबित होते हैं और उन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी कारोबारी से गिफ्ट लेना और उसे सदन की अपनी लॉग-इन डिटेल्स देना गलत है और यह संसदीय आचार संहिता का उल्लंघन है।