रायपुर,: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी,कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान ” भारतीय सामान-हमारा अभिमान ” के तहत आगामी महीनों में आने वाले सभी त्योहारों को कैट ने चीनी वस्तुओं के इस्तेमाल के बजाय भारतीय सामान के उपयोग के साथ ही मनाने का आव्हान करते हुए कहा की इस वर्ष की दिवाली देश भर में ” हिन्दुस्तानी दिवाली ” के रूप में मनाई जायेगी जिसमें चीन का कोई भी सामान इस्तेमाल नहीं होगा !इसी श्रंखला में आगामी 22 अगस्त को भगवान श्री गणेश जी के जन्मदिवस ” गणेश चतुर्थी” को इस बार नए तरीके से मनाने के लिए कैट ने आज मिट्टी, गोबर तथा खाद से बने ” पर्यावरण मित्र गणेश जी” की कुछ प्रतिमाएं आज जारी किये जिन्हे देश भर के व्यापारी तथा अन्य लोग इस गणेश चतुर्थी को अपने घर में स्थापित कर उनकी पूजा करेंगे ।भगवान श्री गणेश जी अपनी माता देवी पार्वती के साथ इस दिन धरती पर अवतरित हुए थे, इस अवधारणा को मानकर भारत में गणेश चतुर्थीओ का त्यौहार बेहद उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यूँ तो यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है किन्तु ख़ास तौर पर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश , गुजरात, कर्नाटक, गोवा, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से मनाया जाता है !
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया की इन वस्तुओं से बनी गणेश प्रतिमा का उद्देश्य पर्यावरण और जल को प्रदूषित होने से बचाना तथा इस त्यौहार को सही अर्थों में पूर्ण भारतीयता के साथ मनाना है ! उन्होंने बताया की इस क्रम में 6 इंच, 9 इंच एवं 12 इंच की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं ! अनेक प्रतिमाओं में तुलसी के बीज सहित विभिन्न सब्जियों के बीज भी डाले जा रहे हैं जिससे प्रतिमा जल में विसर्जित करने के बाद यह बीज मिट्टी में दबा कर पौधों का रूप ले सकें ! गणेश जी की यह प्रतिमाएं गणेश चतुर्थी के पूजन के बाद घर में ही किसी बर्तन के कुंड में विसर्जित की जा सकती हैं , इससे पर्यावरण और जल को दूषित होने से बचाया जा सकेगा !
परवानी ने बताया की पिछले वर्ष तक चीन से आये गणेश जी बड़ी मात्रा में देश भर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर बिका करते थे लेकिन इस वर्ष कैट ने देश भर में फैले व्यापारी संगठनों को सलाह दी की वो अपने शहर अथवा राज्य में कलाकृतियां बनाने वाले, कुम्हार आदि स्थानीय लोग जो निचली या स्लम बस्तियों में रहते हैं उनके द्वारा गणेश जी के प्रतिमाएं मिट्टी, गोबर एवं खाद का उपयोग कर बनवाएं और अपने व्यापारिक संगठनों के मार्फ़त व्यापारियों उनके कर्मचारियों तथा अन्य लोगों तक बिक्री कर पहुंचाएं ! इस प्रकार से कैट के झंडे के तहत देश भर के व्यापारी उन लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं जिनके पास वर्तमान में या तो रोजगार की कमी है या कोरोना के कारण जिनका रोजगार छिन गया है ! ऐसे लोगों की सहायता कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत में कैट के नेतृत्व में व्यापारी भी अपना योगदान देंगे !
पारवानी ने बताया की अब से लेकर दिवाली तक देश में त्योहारों का सीजन है और चीन से आयात हुआ लगभग 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक का सामान इस सीजन में बिकता है जिनमें ख़ास तौर पर भगवान् की मूर्तियां, अगरबत्ती, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, एलेक्ट्रिकलस, बिजली के बल्बों की झालर, बल्ब, सजावटी सामान, पीतल एवं अन्य धातुओं के दीये, फ़र्निशिंग फ़ैब्रिक, किचन इक्विप्मेंट, पटाखे, आदि शामिल हैं ।इस वर्ष देश भर के व्यापारियों ने यह तय किया है की वो इस त्योहारी सीज़न में चीन का सामान न बेचेंगे बल्कि अपने देश में ही बना हुआ सामान बेच कर चीन को राखी के बाद अब त्योहारी सीज़न का 40 हज़ार करोड़ रुपए का झटका देंगे ।