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खुशखबरी! आरक्षण पर रोक हटने के बाद छत्तीसगढ़ में बंपर भर्ती, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार शासकीय विभागों में तेजी हुई भर्ती प्रक्रिया, 71 पदों पर भर्ती आदेश जारी…

छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी है,सुप्रीम कोर्ट द्वारा 58 प्रतिशत आरक्षण पर रोक हटाए जाने के बाद प्रदेश में बंपर भर्तियां निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने 71 पदों पर भर्ती का आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया रूकी हुई थी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर से भर्ती सूची प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश 3 मई को राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किये।

जिसके बाद डाटा एंट्री आपरेटर और जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिये गए हैं। पॉवर कंपनी के ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट के इंजीनियर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि डाटा एंट्री आपरेटर के विभागीय आवेदकों में से 40 अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिये गए हैं। इसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 31, ट्रांसमिशन कंपनी के 5 और जनरेशन कंपनी के 5 अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किये गए।

इसी तरह जूनियर इंजीनियर की सीधी भर्ती के 31 पदों के भर्ती आदेश भी जारी कर दिये गए हैं। इनमें आईटी, इलेक्ट्रानिक्स और कंप्यूटर साइंस ब्रांच के अभ्यर्थी शामिल हैं। साथ ही डाटा एंट्री आपरेटर के 400 पदों पर भी भर्ती जल्द पूरी किए जाने की बात कही जा रही है। इसके लिये दस्तावेजों के परीक्षण के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाईलेवल मीटिंग लेकर दिए हैं भर्तियों के निर्देश

छत्तीसगढ़ में सरकारी पदों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिशन मोड में भर्तियां पूरे करने के निर्देश दिए थे। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम हाउस में उच्च अधिकारियों की एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई गयी थी। जिसमें बड़े पैमाने सरकारी नौकरियों में भर्ती का फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण मामले की सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण को सही बताया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा 58 फीसदी आरक्षण पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। जिसके बाद अब इसी आरक्षण रोस्टर के अनुसार प्रदेश में भर्तियां करने का फैसला लिया गया है। जीएडी ने एक पत्र जारी कर सभी विभागों को निर्देशित कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

Bumper recruitment in Chhattisgarh: रमन सरकार के समय राज्य शासन ने आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी, इसके तहत लोकसेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा-4 में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग को 32 फीसदी, अनुसूचित जाति वर्ग को 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था। बीते साल नवंबर में ही हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी। राज्य सरकार की ओर से मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। सुप्रीम कोर्ट से रोक हटने के बाद अब प्रदेश में भर्तियां और पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है।

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