छत्तीसगढ़ में 10000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू’ स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने किया ऐलान
रायपुर। Teachers recruitment in chhattisgarh मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ से फिर एक नया सफर शुरू होगा, जो न्याय की हमारी विरासत के साथ आगे बढ़ेगा और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य पूरा करेगा।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आजाद भारत के अमृत महोत्सव के मायने और मूल्यों को समझने के लिए हमें दो शताब्दियों की गुलामी को याद करना होगा। हमारे पुरखों ने अपनी जान दांव पर लगाकर, फिरंगी सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। उनका त्याग और बलिदान देश की भावी पीढ़ियों का जीवन खुशहाल बनाने के लिए था। हमारा कर्त्तव्य है कि उनके सपनों को साकार करें और उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाएं।
अमर शहीदों को नमन
Teachers recruitment in chhattisgarh मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अमर शहीदों गैंदसिंह, वीर नारायण सिंह, मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतिबाई लोधी जैसी हजारों विभूतियों की शहादत हमें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। स्वतंत्रता संग्राम और आजाद भारत को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल-बाल-पाल, मौलाना अबुुल कलाम आजाद जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिया था। वहीं वीर गुण्डाधूर, पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव, डॉ. खूबचंद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, डॉ. ई.राघवेन्द्र राव, क्रांतिकुमार, बैरिस्टर छेदीलाल, लोचन प्रसाद पाण्डेय, यतियतन लाल, डॉ. राधाबाई, पं. वामनराव लाखे, महंत लक्ष्मीनारायण दास, अनंतराम बर्छिहा, मौलाना अब्दुल रऊफ खान, हनुमान सिंह, रोहिणीबाई परगनिहा, केकतीबाई बघेल, श्रीमती बेलाबाई, इंदरू केंवट, उदय राम वर्मा, खिलावन बघेल, घसिया मंडल जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने राष्ट्रीय आंदोलन में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की थी, मैं इन सभी को सादर नमन करता हूं। देश की एकता और अखण्डता, संविधान व लोकतंत्र के प्रति आस्था को बचाए रखना एक चुनौती थी और इसके लिए भी हमारे देश की सेनाओं व सुरक्षा बलों के जवानों ने शहादत दी है। मैं उन अमर शहीदों को भी सादर नमन करता हूं।
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प्रकृति-सम्मत विकास की राह पर आगे बढ़ा छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आखिरी वसीयतनामे का उल्लेख करते हुए कहा था-‘भारत ने राजनीतिक स्वतंत्रता तो प्राप्त कर ली है, लेकिन उसे अभी शहरों और कस्बों से भिन्न अपने सात लाख गांवों के लिए सामाजिक, आर्थिक और नैतिक स्वतंत्रता प्राप्त करना बाकी है’। आज देश के सामने अनेक चुनौतियां हैं। कृषि व वन भूमि का कम होना, पर्यावरण असंतुलन, प्रदूषण, बीमारियों, महंगाई, बेरोजगारी आदि से लोगों का जीवन संकटमय हुआ है। हमने पुरखों की सीख और माटी की संस्कृति का सम्मान करते हुए कृषि तथा वन उत्पादों, परंपरागत ज्ञान, आधुनिक साधनों व रणनीतियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का रास्ता चुना। मुझे गर्व है कि हम आजादी की 75वीं सालगिरह के अवसर पर देश और दुनिया के सामने, बापू के सिद्धांतों और विचारों के अनुरूप कार्य करने में सफल हुए हैं। इसमें प्रकृति-सम्मत विकास, हर व्यक्ति को गरिमा, न्याय व बराबरी के अवसर देने वाली योजनाएं और कार्यक्रम शामिल हैं।
प्रदेश में 10000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू
Teachers recruitment in chhattisgarh मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए, जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है। इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है। विगत वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 52 हजार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिसमें 1 लाख 3 हजार बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम तथा 1 लाख 49 हजार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि अधिक से अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व 422 स्कूलों में यह योजना लागू होगी, जिनमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे और इनमें दंतेवाड़ा जिले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल होंगे। अपना वादा निभाते हुए हमने नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है।Teachers recruitment in chhattisgarh
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शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बेरोजगारी दर लगातार देश में न्यूनतम स्तर पर बनी हुई है, जो हमारी युवा कल्याण और रोजगारपरक योजनाओं की सफलता का प्रमाण है। ‘सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनॉमी’ द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार जुलाई में राज्य की बेरोजगारी दर मात्र 0.8 प्रतिशत रही, जबकि देश की औसत बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई है। हमने स्कूली शिक्षा को रोजगारमूलक बनाने के लिए उसका आईटीआई के साथ समन्वय किया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा और आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र एक साथ प्राप्त हो सके। इस योजना के तहत 114 हायर सेकेण्डरी स्कूलों को जोड़ा जा चुका है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 1 हजार 459 सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और ग्रंथपालों की नियुक्ति की गई है। अतिथि व्याख्याताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। Teachers recruitment in chhattisgarh
साथ ही सभी जिलों में कन्या महाविद्यालय खोलने के क्रम में मुंगेली में नया कन्या महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया गया है। दुर्गम वन अंचलों में पीपीपी मॉडल पर महाविद्यालय खोलने, उत्कृष्ट शासकीय महाविद्यालयों में मुक्त दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की स्थापना, स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम, बस्तर विश्वविद्यालय में आदिवासी लोक नृत्य एवं संगीत पर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की पहल जैसे उपायों से उच्च शिक्षा का दायरा बढ़ाया जा रहा है, जिससे युवाओं को पढ़ाई पूरी करने के साथ बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे।