
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन किया जा रहा है। दुर्ग जिला प्रशासन और नगर निगम दुर्ग ने मिलकर बच्चों के ठहरने, खाने और अलाव की व्यवस्था का जिम्मा लिया था। एक दो दिन तो व्यवस्था ठीक रही, लेकिन उसके बाद बच्चों को सोने तक के लिए जगह नहीं मिली। हजारों की संख्या में पहुंचे युवा खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।
दुर्ग जिला मुख्यालय में हर दिन 10 हजार से अधिक बच्चे फिजिकल और मेडिकल टेस्ट देने के लिए पहुंच रहे हैं। यहां आर्मी की ओर से अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन किया गया है। रैली में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से 60 हजार से अधिक बच्चों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। हर दिन अलग-अलग जिलों से अभ्यर्थियों को बुलाकर उनका फिजिकल और मेडिकल टेस्ट लिया गया।
The pitiable condition of the firemen-इस दौरान उन्हें रहने, खाने, पीने, अलाव, नहाने-धोने की व्यवस्था कलेक्टर दुर्ग पुष्पेंद्र मीणा के कंधों पर थी। कलेक्टर और एसपी ने यहां निरीक्षण कर हर एक काम की जिम्मेदारी अलग-अलग विभाग को दी थी। दो दिन व्यवस्था देखने के बाद विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया। नगर निगम दुर्ग के अधिकारी तो वहां झांकना तक मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इस बारे में जानकारी लेने के लिए जब दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को कई बार फोन लगाकर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

खुले आसमान में सोने को मजबूर अभ्यर्थी
अग्निवीर भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के रुकने के लिए बड़ा टेंट लगाया गया है। इसमें जगह कम पड़ने से सैकड़ों की संख्या में बच्चे खुले आसमान में और पेड़ के नीचे सोने को मजबूर हैं। दुर्ग जिले में इस समय ठंड काफी पड़ रही है। ठंड में युवाओं को खुले आसमान के नीचे रात जाग कर गुजारनी पड़ रही। इस बारे में दुर्ग नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली का कहना है कि ये व्यवस्था करना अपर कलेक्टर दुर्ग का काम था।
तीन अलाव के भरोसे कटी युवाओं की रात
The pitiable condition of the firemen-कुछ दिन पहले ही कलेक्टर और निगम आयुक्त ने आदेश जारी किया था कि पूरे शहर में भीड़ भाड़ वाले इलाकों और चौक चौराहों में अलाव की व्यवस्था करना है। लेकिन निगम ने चौक चौराहों में कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की। साथ ही अग्निवीर भर्ती स्थल में मात्र तीन अलाव ही जलाए गए। जब इस बारे में अतिक्रमण शाखा के प्रभारी शिव शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली ने दो अलाव जलाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी उन्होंने तीन अलाव जलाए थे। उन्हें जैसा निर्देश मिला उन्होंने वैसा किया।

पूरी रात ठंड में गुराते रहे अभ्यर्थी
अग्निवीर भर्ती के दौरान आए बच्चों से जब बात की गई तो उन्होंने अपना नाम न बताते हुए कहा कि यहां न तो पर्याप्त खाने की व्यस्था है न ही ठहरने की। उन्होंने कहा कि रात में वह लोग जमीन पर पेपर और गमछा बिछाकर अपना कंबल ओढ़कर रह रहे हैं। अलाव तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है। अखिर इस अव्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है। दुर्ग कलेक्टर या फिर वो अधिकारी जिन्हें इन सब की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई है।
खबरें और भी…
- Chhattisgarh: दर्दनाक आतंकी हमले को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहलगाम आतंकी हमले को झीरम कांड से जोड़ा, बोले यहाँ भी…
- J&K फ्लाइट 3 घंटे लेट श्रीनगर एयरपोर्ट पर फंसे पर्यटक, यात्रियों ने लगाया बड़ा आरोप…
- पहलगाम आतंकी हमला: 48 घंटे के भीतर पाकिस्तानियों को छोड़ना होगा भारत, रद्द हुआ पाकिस्तानियों का वीजा, पढ़े पूरी खबर…
- CG News: नाबालिग कबड्डी खिलाड़ी ने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर फांसी लगाई, पुलिस जांच में जुटी
- Chhattisgarh NAN Scam: पूर्व IAS अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला पर CBI ने दर्ज की FIR, घरों पर छापेमारी