
फैसलाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के फ़ैसलाबाद में एक ईसाई परिवार पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई. इतना ही नहीं कुछ ईसाई इमारतों और ईसाई बस्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है. यह घटना जरनवाला में हुई और कहा जा रहा है कि एक सफाई कर्मी द्वारा कुरान के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने से मुस्लिम नाराज हुए. इसके बाद न केवल उसका घर बल्कि भीड़ ने कई ईसाई घरों, इमारतों और चर्चों को नुकसान पहुंचाया.
सोशल मीडिया में इस गुस्साई भीड़ और तोड़फोड़ के वीडियो वायरल हो रहे हैं. कुछ वीडियो में कहा गया है कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो फिर मौलवी ने भीड़ को जमा करते हुए हमला के लिए उकसाया. डॉन की एक खबर में पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर ली गई और प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं.
पुलिस मूकदर्शक बनी रही, भीड़ ने तोड़फोड़ की हालांकि ईसाई समुदाय का कहना है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही. मुस्लिम मौलवी और उन्मादी भीड़ ने उनके घरों में तोड़फोड़ की. डॉन की एक खबर में कहा गया है कि पुलिस ने आरोपी ईसाई व्यक्ति के खिलाफ पाकिस्तान की धारा 295बी (पवित्र कुरान को अपवित्र करना आदि) और 295सी (पवित्र पैगंबर के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग आदि) के तहत पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की.
झूठा आरोप लगाकर बाइबिल का अपमान किया गया
चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने कहा कि बाइबिल का अपमान किया गया और ईसाइयों पर “पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप” लगाया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया. बिशप मार्शल ने कहा कि हम कानून प्रवर्तन और न्याय प्रदान करने वालों से न्याय और कार्रवाई की मांग करते हैं और सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए तुरंत हस्तक्षेप करते हैं और हमें आश्वस्त करते हैं कि हमारी अपनी मातृभूमि में हमारा जीवन मूल्यवान है जिसने हाल ही में स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का जश्न मनाया है.”