शिक्षक ने पहाड़ी कोरवाओं की कई एकड़ भूमि पर किया जबरन कब्जा,शिकायत के बाद भी नहीं मिला पहाड़ी कोरवा जनजाति को न्याय
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले एक दर्जन पहाड़ी कोरवा पिछड़ी जनजाति की आठ से दस एकड़ जमीन पर गांव के ही शिक्षक के द्वारा धीरे धीरे कुछ रुपए देकर सादे कागज में जमीन को बिक्री नामा करवा लिया गया था-(teacher forcibly occupied)
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जिसकी शिकायत पूर्व में कुछ पहाड़ी कोरवा विधायक से सरगुजा कलेक्टर से भी की गई थी परंतु आज दिनांक तक अधूरी जांच कर अधिकारियों का स्थानांतरण होने के कारण जिसका लाभ शिक्षक के द्वारा दबाव बनाकर जमीन पर कब्जा किया हुआ है जिससे पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के लोगों को जीवन स्तर बद से बदतर होती जा रही है-
यह मामला लखनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत लोसगी के आश्रित ग्राम जामझोर का।
लखनपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत लोसगी के आश्रित ग्राम जामझोर मैं राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा अति पिछड़ी जनजाति के छोटी सी बस्ती जंगल किनारे बसी हुई है जहां पूर्व में सेटलमेंट तथा वन अधिकार पत्र के माध्यम से शासन द्वारा इन पहाड़ी कोरवा अति पिछड़ी जनजाति के लोगों को भूमि आवंटित की गई थी ।(teacher forcibly occupied)
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जिसमें कुछ लोगों के द्वारा हजार दो हजार रुपयों में उक्त भूमि को महज सादे पन्ने में ग्राम निवासी और शिक्षक खगेश सिंह के द्वारा बिक्री नामा कराया गया है अनभिज्ञ एवं जानकारी के अभाव के कारण लगभग एक दर्जन पहाड़ी कोरवा पिछड़ी जनजातियों के लोगों की भूमि पर जबरन अवैध कब्जा कर खेती किसानी की जा रही है –