मुख्यमंत्री के सख्ती का नाम मात्र असर,कुरूद ,मगरलोड क्षेत्र के रेत घाटो में है अधिक राजनीतिक दबाव,कई राजनेता की हिस्सेदारी भी है शामिल… शीर्ष नेतृत्व से दमदार पकड़ के चलते दे रहे अवैध मनसूबे को अंजाम, आने वाले चुनाव में पार्टी को झेलना पड़ सकता है इसका खामियाजा

मुख्यमंत्री के सख्ती का नाम मात्र असर,कुरूद ,मगरलोड क्षेत्र के रेत घाटो में है अधिक राजनीतिक दबाव
,कई राजनेता की हिस्सेदारी भी है शामिल… शीर्ष नेतृत्व से दमदार पकड़ के चलते दे रहे अवैध मनसूबे को अंजाम, आने वाले चुनाव में पार्टी को झेलना पड़ सकता है इसका खामियाजा
धमतरी@pushpendra sahu- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध रेत उत्खनन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं । मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए हैं कि किसी भी जिले में अवैध रेत उत्खनन नहीं होना चाहिए । किसी भी जिले से अवैध रेत उत्खनन की शिकायत मिलने पर जिले के सम्बंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी । मुख्यमंत्री ने अवैध उत्खनन रोकने कलेक्टर और एसपी को स्वयं मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं ।
धमतरी जिला जो कि खनन का हब माना जाता है जहाँ लगभग 30-35 खदानें संचलित है, बावजूद इसके कुछ ऐसे रेत घाट हैं जिनकी रेत क्वालिटी के चलते आए दिन अवैध निकासी होते रहती है इस मामले में खनिज विभाग के अधिकारी एवं सत्ता पक्ष के राजनेता शीर्ष नेतृत्व से पहचान,साथ ही राजनीतिक दबाव के चलते धड़ल्ले से आज भी अवैध निकासी बदस्तूर जारी है। खबर तो यह है कि सत्ता धारी के नेताओ के साथ कुछ विपक्ष ले नेता में अवैध रेत में सलिप्त्त है जिसे लेकर सत्ता के गलियारों में तरह तरह के चर्चा व्यापत है अब विपक्ष के लोग ही सत्ताधारी नेताओ के साथ चलने लगे तो जनता किसपर विश्वास करे के उनका हक मिलेगा,
आपको बता दे ग्राम पंचायत नारी , भोथा, चारभाटा, पारखंदा ,छोटी करेली,समेत कई रेत घाटो में जेसीबी मशीन से धड़ल्ले से रात दिन खुदाई जारी है। जब खनिज विभाग को कार्यवाही करने जाति है तो पहले से ही उन्हें आने को खबर मिल जाती है और वे सचेत हो जाते है खदानों दिखावे के लिए जरूर कुछ लेवर रखे है जांच में कई बार लेवर पंजी भी नही पाया गया ऐसे बहुत सारी कमियां सभी खदानों में है पर अब सत्ता का संरक्षण है तो एक बात तो है “सैया भए कोतवाल तो डर काहे का”
यही नहीं, बल्कि जिन खदानों का ई टेंडर के माध्यम से स्वीकृति हुई है उन खदानों में रेत समाप्त हो चुका है, लेकिन सीमा से लगे गाँव के रेत घाट में डोरा डाल,ग्राम प्रमुखों को सेटिंग कर निकासी कर रहे हैं
सूत्रों के मुताबिक इन रेत घाटो में राजनीतिक पार्टी के कद्दावर नेताओं की भी हिस्सेदारी सामने आई है, जिसके चलते अधिकारी कार्यवाही करने में रोड़ा बन रहा है।
कही कुरूद में खदानों के चक्कर में सत्ता वालो को इसका खामियाजा आने वाले चुनाव न झेलना पड़े , बात करे धमतरी छेत्र की
सत्ता के संरक्षण मे ही महानदी में अवैध उत्खनन हो रहा है। बार बार निरंतर शिकायत करने के बाद भी खनन जारी है।
जो खदाने कल तक वैध थी वो एक ही दिन मे अवैध कैसे हो गई कार्यवाही के नाम पर सिर्फ ट्रैक्टर हैवा लोगों के ऊपर ही कार्यवाही की जाती है जबकि खदानों के उपर करने के लिए चैन माउंटेन मशीन (2 बार से अधिक) होने पर राजसद होने का प्रावधान है वो आज तक क्यू नहीं किया गया जनप्रतिनिधियों द्वारा हमेशा से मांग की जाती रही खदानों मे सीमा से अधिक क्षेत्रों मे खनन किया गया है तो खदानों का जल्द से जल्द सीमांकन करे,अमेठी दरारी परसूली जवरगांव लीलर भरारी इत्यादी ग्रामों मे आज भी JCB चैनमाउंट मशीन से खुदाई जारी है प्रशासन की कार्यवाही मात्र एक दिखावा है अब प्रशासन भी सत्ता के आगे। मजबूर हो गए है
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिम्मेदार अधिकारी अवैध रेत खनन का तमाशा देखते रहेंगे या त्वरित कार्यवाही करने ,कोई ठोस कदम उठाएंगे