BIG BREAKING: नाबालिग गैंगरेप मामले में मंत्री के बेटे पर आरोप , समर्थन में उतरी बीजेपी, जाने पूरा मामला
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अगरतला: त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में छह दिन पहले 16 साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में तीखे विरोध के बीच सत्तारूढ़ भाजपा बुधवार को अपने मंत्री के समर्थन में उतर गई, जिनका बेटा इस मामले के आरोपियों में से एक है. पार्टी ने कहा कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच त्रिपुरा पुलिस द्वारा बुधवार को एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने इस संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है(BJP came out in support)
सामूहिक बलात्कार का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से विरोध और राजनीतिक बहस के केंद्र में रहा है. माकपा और कांग्रेस दोनों ने भाजपा पर सवाल उठाए थे कि एक आरोपी को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया.त्रिपुरा पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल कानून व्यवस्था ज्योतिष्मान दास चौधरी ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने 20 अक्टूबर को मामले में शिकायत दर्ज की थी.
पुलिस के बयान में कहा, ‘पुलिस जांच के लिए वैज्ञानिक सहायता और अन्य फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग कर रही है. एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर पुलिस ने अपराध में भूमिका के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया है.’बयान में कहा गया है कि आगे की जांच जारी है और राज्य में महिलाओं पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए पुलिस सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है. (BJP came out in support)
ईस्ट मोजो की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के अनुसार, नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में आरोपियों ने उसे सड़क पर फेंक दिया. लड़की की शिकायत के बाद तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, घटना 19 अक्टूबर की देर रात की है. नाबालिग लड़की को सड़क से अगवा कर लिया गया, जहां से वे उसे कुमारघाट अस्पताल के पास तीन मंजिला इमारत में ले गए.
पीड़िता ने 20 अक्टूबर को पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. फातिकरॉय पुलिस स्टेशन के प्रभारी बिप्लब देबबर्मा ने कहा, ‘पीड़िता ने एफआईआर में दो लोगों का नाम लिया है. हमने दोनों व्यक्तियों को एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान पापिया देब और राजीव दास के रूप में हुई है. उन्हें कोर्ट में पेश किया गया और बाद में पुलिस पूछताछ के लिए रिमांड पर ले लिया है.’
इस घटना ने तब सनसनीखेज मोड़ ले लिया जब पबियाचेरा से भाजपा विधायक और राज्य के श्रम मंत्री भगवान दास के बेटे को मामले से जोड़ा गया. हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक दुर्भावनापूर्ण अभियान बताया.उनाकोटी जिले के प्रवक्ता ने कहा कि घटना के वक्त मंत्री का बेटा कुमारघाट में नहीं था.ईस्ट मोजो मुताबिक, विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और नागरिक समाज के सदस्य 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मामले के संबंध में पुलिस की जांच पटरी से उतर गई है और असली अपराधी अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं.त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस के नेता और भाजपा के पूर्व विधायक आशीष कुमार साहा ने दावा किया कि उन्हें पता चला है कि घटना की जगह मंत्री के बेटे ने किराये पर ली थी. स्वाभाविक रूप से संदिग्धों की सूची में उसका नाम दर्ज होगा, लेकिन अभी तक पुलिस ने मंत्री के बेटे से पूछताछ के लिए कोई प्रयास नहीं किया. (BJP came out in support)
साहा ने कहा, ‘इस तरह के जघन्य अपराध समाज पर अमिट निशान छोड़ते हैं. जिस तरह से पुलिस मुख्य आरोपी को क्लीनचिट देने के लिए राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही है, उसने पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. चूंकि मंत्री के बेटे का नाम मामले से जोड़ा जा रहा है और नागरिक समाज समूह सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, हमें लगता है कि जांच एक विशेष जांच दल को सौंप दी जानी चाहिए.’पत्रकारों से बात करते हुए साहा ने इससे पहले कहा था, ‘भाजपा के मंत्री का बेटा घटना में शामिल है. उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. हमें लगता है कि मुख्यमंत्री (माणिक साहा) खुद इस मुद्दे से अच्छी तरह वाकिफ हैं, लेकिन चुप हैं.’
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से एक बयान की भी मांग की, जिनके पास गृह मंत्रालय है. उन्होंने कहा, ‘हमने अब तक गृह मंत्री से कुछ नहीं सुना है. उनकी चुप्पी एक बार फिर चिंता बढ़ा रही है.’वहीं माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब कुमारघाट के लोग मंत्री के बेटे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
चौधरी ने कहा, ‘पिछली दुर्गा पूजा के दौरान वह दशमी मेले में हंगामा करने और एक पुलिस अधिकारी की सार्वजनिक रूप से पिटाई करने के लिए जिम्मेदार था. मैं कहना चाहता हूं कि अगर कुमारघाट के लोग उनके बेटे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं तो उन्हें निष्पक्षता से सोचना चाहिए. आखिर उन्होंने गोपनीयता की शपथ ली है और संवैधानिक पद पर काबिज हैं. उन्हें पुलिस प्रशासन को मामले की निष्पक्ष जांच करने का आदेश देना चाहिए था.’तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को फातिकरॉय पुलिस थाने का घेराव करते हुए पीड़िता के लिए न्याय की मांग की.
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