नई दिल्ली: भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन की कवायद में अगली मीटिंग अब शिमला के बजाय बेंगलुरु में होगी. एनसीपी चीफ शरद पवार ने इसका ऐलान किया. उन्होंने बताया कि 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों के नेता जुटेंगे. शरद पवार ने कहा कि मौजूदा सत्ताधारी पार्टी को पिछले चुनावों में सफलता नहीं मिली है. केरल, आंध्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल में बीजेपी का राज नहीं है. राजस्थान, दिल्ली, पंजाब में भी बीजेपी का राज नहीं है. देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं हैं. कुछ राज्यों में हैं. उदाहरण के तौर पर गोवा में कांग्रेस ने बहुमत विधायकों को तोड़कर सत्ता हासिल की.
गुजरात ,उत्तर प्रदेश ,असम और मणिपुर जहां बीजेपी का सीएम है, वहां 45 दिनों से आग लगी हुई है. रिटायर आर्मी ऑफिसर ने पूछा, हम भारत के नागरिक हैं या नहीं. दूसरी चिंता शासक द्वारा साम्प्रदायिक हिंसा को बढ़ाकर साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश है. ये दंगे पिछले पांच-छह महीने में हुए हैं. जब उन्हें पता चला कि प्रधानमंत्री अमेरिका में हैं और पटना में बैठक है तो उन्होंने निजी हमले करना शुरू कर दिए. 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में सर्वदलीय बैठक होगी. शिमला में भारी बारिश के कारण फैसला बदला गया.
इससे पहले बिहार की राजधानी पटना में बीते 23 जून को हुई 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. बैठक के बाद बड़े-बड़े दावे भी किए गए हैं. बताया जा रहा है कि 15 विपक्षी दलों की एकता आगे भी बनी रहेगी और आने वाले दिनों इस नए गठबंधन की रूप रेखा तय होगी. इसकी पूरी जानकारी अगली बैठक में दी जाएगी. हालांकि फिलहाल नए गठबंधन के नाम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है.