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BIG NEWS: मास्टरमाइंड मनदीप कौर पति के साथ गिरफ्तार, 5.75 करोड़ बरामद, दो अभी भी फरार…

चंडीगढ़: लुधियाना की लुटेरी हसीना के रूप में चर्चित हुई मनदीप कौर उर्फ मोना आखिरकार पुलिस के शिकंजे में फंस ही गई है. उस पर 8.49 करोड़ रुपये के सीएमएस कैश लूटने का आरोप है और वह इस मामने में फरार चल रही थी. पुलिस ने मास्टरमाइंड मनदीप उर्फ ​​मोना के साथ उसके पति जसविंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस को उसकी लोकेशन उत्तराखंड में मिली थी, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस केस में दो अन्य आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लुधियाना पुलिस ने मोना को पकड़ने के लिए ‘लेट्स केज द क्वीन बी’ ऑपरेशन शुरू किया था. पुलिस की पांच टीमें मास्टरमाइंड मोना की तलाश में दबिश दे रही थीं. इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार किए गए लोगों में मनजिंदर सिंह, मनदीप सिंह, हरविंदर सिंह, परमजीत सिंह, हरप्रीत सिंह और नरिंदर सिंह शामिल हैं. जो आरोपी फरार हैं उनके नाम अरुण कुमार और नन्नी बताए गए हैं. इस लूट केस में पुलिस ने अब तक 5.75 करोड़ रुपये की बरामदगी कर ली है. अभी ढाई करोड़ से अधिक की धनराशि की बदामदगी को लेकर पुलिस एक्शन में है.

10 जून को दिया था लूट की घटना को अंजाम
गौरतलब है कि लुधियाना में राजगुरु नगर के समीप सीएमएस इंफो सिस्टम्स लिमिटेड के कार्यालय में 10 जून को 8.49 करोड़ रुपये की लूट हुई थी. इस मामले में पहले पुलिस ने 60 घंटे से भी कम समय में 10 आरोपियों में से पांच मुख्य संदिग्धों को पकड़ लिया गया था. शनिवार की तड़के लगभग 10 हथियारबंद लोगों का एक समूह कंपनी के कार्यालय में घुस गया थे और पांच कर्मचारियों को बंधक बनाकर कंपनी के दफ्तर से 8.49 करोड़ रुपये लूटकर कैश वैन में बैठकर फरार हो गए थे. बाद में उन्होंने वैन को मुल्लांपुर के पास छोड़ दिया था.

किस आरोपी से कितने रुपयों की बरामदगी
पुलिस ने वैन से कंपनी के तीन हथियार बरामद किए थे. पुलिस ने मनजिंदर सिंह से एक करोड़ रुपये, मनदीप सिंह से 50 लाख रुपये, हरविंदर सिंह उर्फ ​​लंबू से 75 लाख रुपये व अपराध में इस्तेमाल की गई फोल्डेबल सीढ़ी, परमजीत सिंह से 25 लाख रुपये और 25 लाख रुपये बरामद करने का दावा किया है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि लुटेरों ने वारदात को अंजाम देने के लिए दो अलग-अलग गुट बना लिए थे. वे जानबूझकर अपने मोबाइल फोन घटनास्थल पर नहीं ले गए थे, ताकि उनकी लोकेशन का पता न लगाया जा सके.

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