
दसवीं के छात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत, अब किसी और की आंखों में मुस्कुराएगा सार्थक, परिवार ने किया नेत्रदान
छतरपुर: छतरपुर में दसवीं कक्षा के एक छात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. छात्र स्कूल में प्रेयर में खड़ा था बस उसी दौरान अचानक निढाल होकर गिर गया. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. परिवार वालों ने अपने बेटे की आंखें दान कर दीं ताकि उनका बेटा किसी और की आंखों में मुस्कुराता रहे.
छतरपुर में दसवीं क्लास में पढ़ने वाला छात्र सार्थक टिकरया नहीं रहा. वो 17 साल का था. सार्थक रोज की तरह स्कूल गया था. वहीं कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी जान चली गयी. घटना उस वक्त हुई जब सार्थक अपने स्कूल डीसेंट गया था. वहां जब प्रार्थना हो रही थी तभी अचानक वह जमीन पर गिर गया.
जान बचाने की कोशिश नाकाम
स्कूल के स्टाफ ने तत्काल सार्थक के परिवार को सूचना दी. और परिवारवाले फौरन सार्थक को छतरपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. इस बीच सार्थक ने अपने परिवार से सीने में दर्द की शिकायत की. जिला अस्पताल के डॉक्टर अरविंद सिंह ने सार्थक का इलाज किया और उसे बचाने की भरसक कोशिश की लेकिन सार्थक की जान नहीं बचाई जा सकी.
सार्थक की आंखें दान
परिवार ने बताया कि सार्थक बेहद ही धार्मिक और संस्कारी प्रवत्ति का था. इसी वजह से परिवार ने उसकी आंखें डोनेट करने का निर्णय लिया. प्रक्रिया के बाद चित्रकूट से सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय की टीम सार्थक के घर टिकरया मोहल्ला पहुँची और उसकी दान दी गयी आंखें ले गयी. फिलहाल पूरा परिवार गहरे सदमे में है. परिवार को यह तसल्ली है कि उनके बेटे की आंखों से किसी और की दुनिया रौशन होगी. उनका बेटा किसी और की आंखों में मुस्कुराएगा.