
मेवात: हरियाणा के नूंह इलाके में हिंसा के बाद प्रशासन शांति बहाली की कोशिशों में जुट गया है. हरियाणा सरकार की ओर से भी सभी पक्षों से शांति की अपील की जा रही है. प्रशासन और पुलिस दोनों समुदायों के साथ पीस मीटिंग कर रहे हैं, ताकि नफरती नजरिये को शांति के पैगाम में बदला जा सके. वहीं अधिकारियों ने हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली भ्रामक सूचनाओं से सभी को सतर्क रहने को कहा है. भ्रामक पोस्ट करने वाले 10 लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया गया है.
डीसी नूंह ने पीस मीटिंग में लोगों से कहा कि वे अपने बच्चों को सोशल मीडिया पर आने वाली भ्रामक सूचनाओं से दूर रखें. अपने बच्चों को समझाएं कि वे किसी भी सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसी वीडियो या सूचना न डालें, जिससे समाज में बिखराव होने की संभावना हो. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के माहौल में हम सबका नुकसान है. ऐसे में सभी नागरिक दोषियों को पकड़वाने में सहयोग करें तथा शांति बहाली की इन कोशिशों को और आगे लेकर जाएं. सभी नागरिक अपने काम धंधे पर लौटें.
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर 10 पर मुकदमा
वहीं पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि अभी तक सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, ‘इस समय मामला बहुत संवेदनशील है और ऐसे में इस तरह की पोस्ट आग में घी डालने का काम कर रही है. कोई भी पोस्ट आए तो उस पर नागरिक तुरंत अपनी धारणाएं ना बनाएं. विदेशों से भी इस तरह की भड़काऊ पोस्ट भेजी जा रही हैं. ऐसे में सभी नागरिकों को बहुत ही समझदारी के साथ काम लेना है.’
युवाओं से गलत संगत में न पड़ने की अपील
नूंह इलाके में पीस मीटिंग के दौरान एसपी ने लोगों को कहा कि लोग बच्चों को सही दिशा दिखाएं. पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि नागरिक अपने बच्चों को सही दिशा दिखाते हुए उनकी शिक्षा पर ध्यान दें. उन्हें बुराइयों से दूर रखें. युवा वर्ग फालतू की बातों को छोड़कर अपने रोजगार तथा काम धंधे की तरफ ध्यान दें. किसी भी तरह की गलत गतिविधियों में पढ़कर अपना जीवन बर्बाद ना करें.
उपद्रव करने वालों को नहीं बख्शेंगे
एसपी ने कहा कि जिन लोगों ने उपद्रव किया है उन लोगों को पकड़वाने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है. बेकसूर नागरिकों को बिल्कुल भी डरने की आवश्यकता नहीं है. जिन लोगों ने उपद्रव किया है उनको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे सभी लोगों को न्यायालय के सामने पेश किया जाएगा.