देशबड़ी खबरमनोरंजन

BIG BREAKING: देश के जाने माने वरिष्ठ नवगीतकार विनोद निगम का निधन…

इटारसी: देश के जाने माने वरिष्ठ नवगीतकार विनोद निगम का बुधवार देर रात निधन हो गया। उन्हें बुधवार शाम दिल का दौरा पड़ा था, अस्पताल में फिर एक दौरा पड़ा। वेंटीलेटर पर लिए जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन पर देश भर से साहित्यकारों, लेखकों और साहित्य जगह की दिग्गज हस्तियों ने शोक व्यक्त कर निगम के निधन को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया है। गुरूवार दोपहर उनका अंतिम संस्कार यहां किया गया।

स्वर्गीय निगम साहित्य में नवगीतों , गीतों, गजलों के बेताज बादशाह रहे हैं। निगम मूलत: उप्र के बाराबंकी के निवासी थे, उनका जन्म 10 अगस्त 1944 को बाराबंकी में हुआ, लेकिन नर्मदा तीरे नर्मदापुरम शहर को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया, निगम के साथी बताते हैं कि वे साल में दो-तीन बार बाराबंकी आते थे, यहां भी साहित्य की महफिलों-गोष्ठियों में शिरकत करते थे। बाराबंकी में उन्हें कल्पनाथ सिंह साहित्य सम्मान से नवाजा जा चुका है। हिंदी साहित्य और काव्य प्रेमी जगत में उनके निधन से शोक की लहर है।

बाराबंकी उप्र में जन्मे विनोद निगम की प्रसिद्धि नवगीतकार के रूप में रही, उन्होंने हिंदी में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। प्रारंभ में पत्रकारिता करते हुए उन्होंने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया। स्कूल में 6 वर्ष एवं महाविद्यालय में 36 वर्ष तक अध्यापन किया। कवि सम्मेलनों में विभिन्न विधाओं की उनकी रचनाएं पूरी गंभीरता से सुनी जाती रहीं। निगम देश के चुनिंदा कवि रहे जिन्हें लाल किले के मंच से काव्य पाठ करने का अवसर मिला।

देश की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में उनके गीतों का प्रकाशन हुआ। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण भी हुआ। उनके नए नवगीत संग्रह मैं जो कुछ हूं बस गीत हूं’ का भोपाल में 24 अप्रैल 2023 को विमोचन हुआ था। देश के जाने-माने नवगीतकार महेश्वर तिवारी ने लिखा कि हिंदी नवगीत के चर्चित कवि और 60 वर्षो के अंतरंग मित्र निगम का अचानक विदा होना बेहद दुखद है, लौट आओ न..नर्मदापुरम के गोपाल राठी ने लिखा नर्मदापुरम के प्रति उनका अनुराग देखकर कोई भी कह सकता है कि वे नर्मदापुरम में नहीं, बल्कि नर्मदापुरम उनके अंदर रहता था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button