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सरकारी भर्तियों को अटकाना लटकाना भटकाना ही भूपेश सरकार का उद्देश्य: चंद्रशेखर साहू

राजिम: छत्तीसगढ़ में हो रही शिक्षक भर्ती की फाइनल प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ी मेडिकल संस्थान मेकाहारा में होने वाली परफ़्यूजिनिस्ट एवं फिजिशियन असिस्टेंट की भर्ती भी नियम न बनने के कारण अटक गई है। इस मामले को लेकर राजिम क्षेत्र के भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार पर जानबूझकर भर्तियों को लंबित रखने का आरोप लगाते हुए इसे बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा और कुठाराघात करार दिया है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार जानबूझकर भर्तियों में नियमों को संशोधन कर कुछ ऐसे नियम बना देती है या पूर्व में चले आ रहे नियमों को विलोपित कर देती है जिसके कारण विभिन्न सरकारी विभागों में होने वाली भर्तियां हाईकोर्ट में प्रकरण के रूप में चली जाती हैं और भर्तियां लंबित हो जाती है।

भूपेश बघेल सरकार जानबूझकर अपने लोगों के माध्यम से हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कराकर ऐसा करती है जिससे यह भर्तियां न हों पाएं। दूसरी ओर विज्ञापन जारी कर वाहवाही लूटने का काम करती है। परफ़्यूजिनिस्ट, फिजिशियन असिस्टेंट व शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लंबित होना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसके पूर्व भी आरक्षण के मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम भूपेश सरकार द्वारा किया गया था। एक ओर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर आरक्षण के कोटे को बढ़ाने का ढोंग करती है वहीं दूसरी ओर अपने ही लोगों के माध्यम से हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर आरक्षण को लटकाने का कार्य करती है उसके बाद आरक्षण को लटकाने वाले पीटीशनरों को अजा आयोग के अध्यक्ष तथा कबीर शोधपीठ के अध्यक्ष जैसे पदों ,राज्यमंत्री के दर्जा सहित लालबत्ती से पुरस्कृत करती है। यही दोहरा चरित्र और दोहरा मापदंड सरकारी भर्तियों में भी देखने को मिल रही है। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि भूपेश बघेल सरकार सरकारी भर्तियों के विज्ञापन जारी कर सिर्फ वाहवाही बटोरती है लेकिन अंततः भर्तियों को अटकाने ,लटकाने और भटकाने का कार्य कर प्रदेश के युवाओं के साथ छल करती है जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में कांग्रेस सरकार को भुगतना पड़ेगा।

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