नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के मामले में चंडीगढ़ से संचालित फार्मास्युटिकल कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स और उसके प्रवर्तकों के विभिन्न ठिकानों पर शुक्रवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ हरियाणा के पंचकूला और अंबाला में कुल 17 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2021 में कंपनी और उसके प्रवर्तकों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता एवं अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसी सोनीपत से संचालित अशोक विश्वविद्यालय के कुछ दस्तावेजों की भी जांच कर रही है क्योंकि कंपनी के निदेशक विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता पूर्व में उक्त शिक्षण संस्थान से जुड़े हुए थे।
दोनों ने सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद 2022 में विश्वविद्यालय के सभी बोर्ड और समितियों से इस्तीफा दे दिया था। संस्थान ने तब मामले से किसी तरह से जुड़े होने से इनकार किया था।
सीबीआई ने दिसंबर 2021 में सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया नीत कंसोर्टियम से 1626.74 करोड़ रू की कथित धोखाधड़ी के मामले में कंपनी के शीर्ष कार्यकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद उनके ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रणब गुप्ता के अलावा सीबीआई ने कंपनी के निदेशक विनीत गुप्ता, दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत ंिसह चहल, संजीव कुमार, वंदना ंिसगला, इशरत गिल और उनके गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल एवं जेडी गुप्ता को भी नामजद किया है।