chhattisgarh Balwadi Scheme: छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे बच्चो की के लिए शुरू की योजना , जाने बालवाडी योजना क्या है? बालवाडी योजना की ख़ास बातें

chhattisgarh Balwadi Scheme शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को छत्तीसगढ़ में बालवाड़ी योजना की शुरुआत की गई है। नई शिक्षा नीति के अनुसार इस योजना के तहत खेल-खेल में बच्चों के सीखने औस समझने की क्षमतता विकास किया जायेगा।
बालवाडी योजना क्या है?
शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को छत्तीसगढ़ (chhattisgarh balwadi yojana) में बालवाड़ी योजना की शुरुआत की गई है। नई शिक्षा नीति के अनुसार इस योजना के तहत खेल-खेल में बच्चों के सीखने औस समझने की क्षमतता विकास किया जायेगा। बालवाड़ी योजना 5 से 6 वर्ष तक के छोटे बच्चों के लिए शुरू की गई है। इसकी थीम ‘जाबो बालवाड़ी बढ़ाबो शिक्षा के गाड़ी’ के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका शुभारंभ किया है। बालवाड़ी योजना (chhattisgarh Balwadi Scheme) के माध्यम से बच्चे सीखने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उन्हें स्कूल के माहौल (learning environment) के लिए तैयार किया जा सकेगा।
महत्वपूर्ण खबर जरूर पढ़ें…Chhattisgarh Cabinet Meeting : किसानों के ऋण, रोजगार आवास योजना समेत कई बड़े फैसले
ऐसे किया जायेगा कार्यान्वित
बच्चों के लिए हर बालवाड़ी (chhattisgarh Balwadi Scheme) में आंगनबाड़ी सहायिका के अतिरिक्त संबद्ध प्राथमिक शाला के एक सहायक शिक्षक की भी तैनाती की जाएगी। इसके लिए सहायक शिक्षक को हर महीने 500 रुपए का अतिरिक्त मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। बच्चों को खेल-खेल में रोचक तरीके से अध्यापन कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी सहायिका और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण (special training) दिया गया है।
बालवाड़ी योजना के लिए स्वीकृत राशि
वहीं, प्रत्येक बालवाड़ी (chhattisgarh Balwadi Scheme) के लिए बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, खेल सामग्री और प्रिंटरीच रंग-रोगन के लिए एक लाख रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई हैं और आने वाले वर्षों में राज्य के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रूप से बालवाड़ियां (Balwadi) खोली जाएंगी।
महत्वपूर्ण खबर जरूर पढ़ें… मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में हुआ 20 मिनट तक बिजली बंद, सुरक्षा कर्मियों के छुटे पसीने, BJP ने कहा आ गया लालटेन युग.. देखे वीडियो
मुख्यमंत्री ने बालवाडी योजना पर ये कहा
chhattisgarh Balwadi Scheme मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि “वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया है कि मनुष्य के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास बाल्य अवस्था में ही हो जाता है। एक बच्चा अपने प्रारंभिक वर्षों में जो सीखता है, वही चीजें स्कूल में और आगे जीवन में उसकी मदद करती हैं। शिक्षण की शुरुआत तभी हो जानी चाहिए, जब बच्चों का मस्तिष्क तैयार हो रहा हो।” इसी को ध्यान में रखते हुए इस योजना को ज़ारी किया गया है, इस तरह की योजनायें कई राज्य सरकारें पहले ही प्रारंभ की जा चुकी है केंद्र द्वारा जारी नई शिक्षा नीति में भी इस तरह की शिक्षा पद्धति को कार्यान्वित करने की योजना है।