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RAIPUR: स्कूल टॉयलेटों का बुरा हाल, इस बदहाल टॉयलेट में लगता है, 5 रूपये, पढ़े पूरी खबर…

रायपुर 2 मार्च 2025: रायपुर जिले के बिरगांव निगम क्षेत्र के कई सरकारी स्कूलों में शौचालयों की स्थिति दयनीय हो गई है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में छात्र-छात्राएं मजबूरन सुलभ शौचालय का उपयोग कर रहे हैं, जहां उन्हें हर बार 5 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। यह स्थिति न केवल विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए खतरा बन रही है, बल्कि सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर भी सवाल खड़े कर रही है। READ ALSO :CG NEWS: छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा, पानी से 35 सौ मेगावाट बिजली, पढ़े पूरी खबर…

स्कूलों में टॉयलेट की दयनीय स्थिति

बिरगांव क्षेत्र के करीब 25 सरकारी स्कूलों में से 70% स्कूलों में शौचालय उपयोग करने लायक नहीं हैं। इनमें से कई शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है, जबकि कुछ में दरवाजे और साफ-सफाई का घोर अभाव है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को मजबूरी में स्कूल से बाहर जाकर सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का उपयोग करना पड़ता है।

अभिभावकों की चिंता और नाराजगी

अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में शौचालय की सुविधा न होने से उनके बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

  • मीनाक्षी वर्मा, एक छात्रा की माँ, ने कहा, “बेटी जब भी स्कूल जाती है, उसे टॉयलेट जाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। यह बहुत अनुचित है।”
  • रवि कुमार, एक स्थानीय निवासी, ने कहा, “हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना चाहिए।”  .

शासन और प्रशासन की उदासीनता

बिरगांव नगर निगम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने जल्द से जल्द सुधार का आश्वासन दिया।

बिरगांव नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमने इस समस्या की जानकारी प्राप्त की है और जल्द ही स्कूलों के शौचालयों का मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए बजट प्रस्ताव भेजा गया है।”

संभावित समाधान और मांगें

  1. शौचालयों की मरम्मत: जल्द से जल्द सभी सरकारी स्कूलों के शौचालयों की सफाई और मरम्मत की जाए।
  2. पानी और स्वच्छता व्यवस्था: टॉयलेट में पानी की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
  3. नि:शुल्क शौचालय सुविधा: छात्रों को सुलभ शौचालय के लिए भुगतान करने की मजबूरी से मुक्त किया जाए।
  4. निगरानी और रखरखाव: स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो।

निष्कर्ष

रायपुर के सरकारी स्कूलों में शौचालयों की बदहाल स्थिति बच्चों की शिक्षा और स्वच्छता दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। यह समय की मांग है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर त्वरित ध्यान दे और उचित कार्रवाई करे, ताकि विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहना पड़े। READ ALSO :CG NEWS: छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा, पानी से 35 सौ मेगावाट बिजली, पढ़े पूरी खबर…

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