तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए जरूरी ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ राज्य पहुंच गई है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि दिन में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच बैठक हुई थी और अब ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ आ गई है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसकी प्रभावशीलता अभी तक चिकित्सकीय रूप से साबित नहीं हुई है लेकिन यह निपाह वायरस संक्रमण के लिए यह एकमात्र उपलब्ध ‘एंटीवायरल’ उपचार है तथा इसके बारे में एक केंद्रीय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा की गई है.
जॉर्ज ने कहा, ”विशेषज्ञ समिति द्वारा आगे के कदम के बारे में निर्णय किया जाएगा.” मंत्री ने इससे पहले दिन में राज्य विधानसभा में कहा था कि लोगों को कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के प्रकोप को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन अपनी दिनचर्या में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए.
उन्होंने विधानसभा में दिए एक बयान में कहा, ”घबराने की कोई जरूरत नहीं है. हम सब साथ मिलकर सावधानी से इस मुद्दे का सामना कर सकते हैं.” मस्तिष्क को क्षति पहुंचाने वाले वायरस के संक्रमण से कोझिकोड जिले में दो लोगों की मौत हो गई हैं जबकि तीन अन्य लोग संक्रमित हैं. राज्य में बुधवार को 24 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी वायरस से संक्रमित पाया गया. यह केरल में संक्रमण का पांचवा मामला है.
तीन संक्रमित व्यक्तियों का इलाज चल रहा है जिसमें नौ वर्ष के एक बच्चे की हालत गंभीर है. संक्रमण को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश रहेगा. अवकाश की घोषणा कोझिकोड जिलाधिकारी ए गीता ने की. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में लिखा कि छात्रों के लिए शैक्षिक संस्थान दो दिनों तक ऑनलाइन कक्षा की व्यवस्था कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा सारणी में कोई परिवर्तन नहीं होगा.
इस बीच, कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए पड़ोसी जिले वायनाड में 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. वायनाड जिला प्रशासन ने 15 कोर समितियों का गठन किया है जो संक्रमण के रोकथाम एवं निगरानी गतिविधियों का नेतृत्व करते हुए आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने का कार्य करेंगी.
सरकार ने बताया कि राज्य में मिले वायरस का स्वरूप बांग्लादेश में मिले वायरस के स्वरूप से मिलता जुलता है जो मानव से मानव में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है, हालांकि यह वायरस कम संक्रामक है. सरकार ने यह भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर के अध्ययनों से यह बात सामने आयी है कि केवल कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरे केरल राज्य में इस तरह के संक्रमण के फैलने का खतरा है.
सरकार ने कहा है कि वनक्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि निपाह वायरस का नवीनतम मामला एक वनक्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर सामने आया है. कोझिकोड जिले में 11 वार्ड को बुधवार शाम तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जा चुका है.