रायपुर: थाना टिकरापारा पुलिस ने एक महिला के साथ लाखों रुपये की ठगी और धमकी देने वाले आरोपी राजू बाघ को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपना सहारा जन सेवा कल्याण समिति का अध्यक्ष बताकर संस्था में सदस्य बनाने एवं भारी मुनाफा दिलाने का लालच देकर ₹5,40,000 की धोखाधड़ी की थी।
एसपी लाल उमेद सिंह के स्पष्ट निर्देशों पर, सीएसपी राजेश देवांगन तथा थाना प्रभारी विनय सिंह बघेल के मार्गदर्शन में थाना टिकरापारा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मात्र 24 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

इस कार्रवाई में उप निरीक्षक बालेश्वर लहरें, सिपाही सुरजीत सिंगर, दया शंकर शर्मा और अरुण की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लगातार प्रयास किए और आरोपी को उसके सकूनत से पकड़कर थाना लाया गया।
ऐसे हुआ बड़ा खुलासा
पीड़िता पुष्पा नामदेव ने वरिष्ठ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2024 में आरोपी राजू बाघ ने संस्था में जोड़ने के नाम पर करीब ₹7 लाख ऑनलाइन व नगद माध्यम से ले लिए थे। बीच-बीच में “प्रॉफिट” बताकर कुछ रकम वापस भी की, जिससे पीड़िता को भरोसा बना रहा।
इसके बाद आरोपी ने अचानक रकम देना बंद कर दिया और निवास स्थान छोड़कर फरार हो गया। मोबाइल भी स्विच ऑफ कर दिया।
दिसंबर 2024 में इकरारनामा — पर फिर भी रकम नहीं लौटाई
पीड़िता की मांग पर आरोपी ने ₹5,40,000 बकाया होने का लिखित इकरारनामा भी दिया, लेकिन फिर भी रकम वापस नहीं की। जब महिला ने पैसे मांगे तो आरोपी ने अश्लील गाली-गलौच,उठवा देने की धमकी,और जान से मरवा देने की धमकी तक दे डाली।
जांच का विवरण
शिकायत प्राप्त होने पर थाना टिकरापारा पुलिस द्वारा प्रार्थिया के कथन, उपलब्ध दस्तावेजों एवं ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की जांच की गई। जांच में पाया गया की
वर्ष 2024 में प्रार्थिया की पहचान सब्जी विक्रेता राजू बाघ से हुई थी।
आरोपी ने स्वयं को संस्था “अपना सहारा जन सेवा कल्याण समिति” का अध्यक्ष बताकर सदस्यता एवं मुनाफा देने का झांसा दिया।
मार्च व अप्रैल 2024 में प्रार्थिया ने आरोपी के मोबाइल नंबर 62672xxxxx पर फोन-पे के माध्यम से कई किश्तों में ₹1 लाख तथा कुल मिलाकर लगभग ₹7 लाख रुपये ऑनलाइन व नगद दिए।
बीच-बीच में आरोपी ने कुछ रकम “प्रॉफिट” बताकर वापस भी की, परन्तु बाद में भुगतान बंद कर दिया।
आरोपी अपना निवास स्थान खाली कर फरार हो गया एवं मोबाइल बंद कर दिया।
प्रार्थिया द्वारा संस्था की जानकारी लेने पर पता चला कि संस्था कोई रोजगार/आय प्रदान नहीं करती तथा पूरा कार्यप्रणाली धोखाधड़ी पर आधारित है।
दिसम्बर 2024 में दोनों पक्षों के मध्य ₹5,40,000/- बकाया होने संबंधी इकरारनामा निष्पादित हुआ, पर आरोपी ने राशि वापस नहीं की।
रकम मांगने पर आरोपी ने धमकियां दीं।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि
उसकी संस्था अपना सहारा जन कल्याण सेवा समिति शासन से सोसायटी रूप में पंजीकृत है।
इसी नाम पर लोगों को सदस्य बनाने और मुनाफा दिलाने का रकम लेता था।
प्राप्त रकम को वह निजी उपयोग हेतु ब्याज पर वितरित करता था।
प्रार्थिया से पहचान का फायदा उठाकर लगभग ₹7 लाख रुपये लिए।
प्रार्थिया को केवल कुछ रकम वापस की।
₹5,40,000/- बकाया होने संबंधी इकरारनामा भी स्वीकार किया।
शेष रकम नहीं लौटाई और धमकी भी दी।
उक्त तथ्यों के आधार पर थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 930/25, धारा 318(4), 296, 351(2) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
थाना टिकरापारा पुलिस ने गवाहों के कथन, ऑनलाइन लेनदेन और दस्तावेजों की जांच के बाद आरोपी को उसके सकूनत से दबिश देकर गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।






