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जिला बनने पर राजिम शहर के व्यापार को लगेगा पंख- दोनों शहरों में 97 राइस मिल हो रही है संचालित

राजिम 26 अगस्त। प्रदेश सरकार यदि राजिम और नवापारा शहर को मिलाकर राजस्व जिला बनाते हैं तो यहां के व्यापार को पंख लग जाएगा। बताना जरूरी है कि दोनों शहर में जिस गति से जनसंख्या बढ़ी है उससे जमीन की कीमत से लेकर प्रत्येक सामग्रियों की मूल्य आसमान पर चढ़ी है नतीजा एक अनुमान के मुताबिक अरबों रुपया का व्यापार प्रतिदिन हो रहा है। नवापारा क्षेत्र में 90 राइस मिल तथा राजिम में 07 मिलाकर 97 राइस मिल संचालित है। यहां के चावल देशभर के लोग खाते हैं तथा विदेशों में भी सप्लाई की जाती है। राजिम से 14 किलोमीटर की दूरी पर बासीन पत्थर खदान है जिसे ब्लैक स्टोन के नाम से जाना जाता है। यहां के पत्थरों की मांग दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा है। उत्तर भारत में बासीन की फर्शी पत्थर काफी पसंद की जाती है।रेत खदान से लेकर मुरूम खदान से सरकार को करोड़ों रुपया का राजस्व मिलता है। जमीन खरीदी बिक्री से भरपूर टैक्स प्राप्त किया जाता है। स्वयं व्यापारिक नगरी के रूप में नवापारा राजिम दोनों शहर को देखा जाता है। खरीदी बिक्री के लिए गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, कुरूद, अभनपुर, छुरा, मैनपुर, देवभोग के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और यहां के होलसेल दुकानों से सामान खरीद कर अपने शहर में बिक्री के लिए ले जाते हैं। इन दो शहरों में दो बड़ी-बड़ी धान की मंडिया है यह कृषि उपज मंडी में सीजन पर किसान करोड़ों रुपए के धान बेंचते हैं। साथ ही सब्जी मंडी भी स्थित है यहां दुर्ग, भिलाई, रायपुर, राजनांदगांव आदि थोक मंडियों के अलावा स्थानीय सब्जियों को बाजार मिलता है। यहां के व्यापार को देखते हुए अंग्रेज शासन काल में ट्रेन के आवागमन शुरू किया गया था। जिसके कारण ट्रेन की पटरी बिछाई गई थी। वर्षों से यहां ट्रेन की बोगियां अभी रही थी लेकिन पिछले 5 सालों से ट्रेन के आवागमन को बंद कर दिया गया है अब केंद्र सरकार ने 543 करोड़ की राशि स्वीकृत कर पुणे रेल लाइन चालू करने की योजना बनाई है। इसे मूर्त रूप लेने में कब तक का समय लगेगा कहा नहीं जा सकता। व्यापारिक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र अत्यंत समृद्ध है। जिला मुख्यालय बनने के बाद लोगों को इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी बल्कि सीधे अपने ही शहर में सारी सुविधाएं मुहैया हो जाने से व्यापारिक गतिविधियां में और तेजी आएगी। आज से 30 वर्ष पहले यहां 4 टूरिंग टॉकीजे चलती थी समय के साथ साथ टेलीविजन के अविष्कार ने इनकी संख्या कम कर दी है। यहां खेती का रकबा सबसे ज्यादा है तो धान के अलावा दाल, चना, गेहूं, सब्जियां आदि का उत्पादन किसान करते हैं जिनकी बाजार मूल्य अच्छी है। यहां के लोग मेहनती एवं इमानदार होने से खेतों में उत्पादन खूब होता है। हर दृष्टिकोण से राजिम जिला में उपयुक्त औद्योगिक संसाधन तथा व्यापारिक बाजार लोगों के संपन्नता के कारण बनेंगे।

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