रायपुर: राजधानी रायपुर में ऑनलाइन ठगी का एक और बड़ा मामला सामने आया है, जहां पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) में पदस्थ एक उपअभियंता से फर्जी निवेश सलाहकार ने 9 लाख 75 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली। पीड़ित अधिकारी को उच्च रिटर्न का लालच देकर अज्ञात ठग ने विभिन्न बैंक खातों और UPI आईडी पर रकम ट्रांसफर कराई। SEBI से सत्यापन कराने पर पूरा मामला फर्जी निकला, जिसके बाद पीड़ित ने साइबर हेल्पलाइन 1930 में शिकायत दर्ज कराई। अब यह मामला गोबरा-नवापारा थाना क्षेत्र में FIR के रूप में दर्ज किया गया है, और पुलिस विस्तृत जांच में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित उपअभियंता को एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र बताते हुए संपर्क किया। ठग ने शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में अधिक मुनाफा दिलाने का दावा किया। उसने अपने आप को SEBI द्वारा प्रमाणित सलाहकार बताकर भरोसा दिलाया और प्रारंभिक निवेश पर तुरंत लाभ दिखाने के नाम पर छोटी रकम जमा करवाने के बाद बड़े निवेश की मांग की। ठग की बातों में आकर उपअभियंता ने अलग-अलग खातों और UPI आईडी पर कुल 9.75 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जब ठग की गतिविधियों पर शक हुआ, तो पीड़ित ने SEBI की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से संबंधित एडवाइजर के लाइसेंस की जांच कराई। वहां पता चला कि जिस व्यक्ति ने निवेश सलाहकार होने का दावा किया था, उसका SEBI से कोई संबंध ही नहीं है और न ही उसकी किसी प्रकार की पंजीकृत पहचान है। तब जाकर पीड़ित को समझ आया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुका है।
शिकायत के बाद पुलिस और साइबर सेल ने संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच के दौरान जिन बैंक खातों में राशि भेजी गई थी, उनकी तकनीकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही सभी संदिग्ध मोबाइल नंबर, UPI आईडी और ट्रांजेक्शन की डिजिटल ट्रेल का विश्लेषण शुरू कर दिया गया है, ताकि ठग तक पहुंचा जा सके। पुलिस के अनुसार यह एक सुव्यवस्थित साइबर गिरोह का मामला भी हो सकता है, जो निवेश के नाम पर लोगों को निशाना बनाता है। गोबरा नवापारा थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ IPC और IT एक्ट की धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बैंक और सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे।






