
दंतेवाड़ा: जिले में खनिज विभाग ने अवैध रेत खनन और परिवहन को रोकने के लिए एक सघन जांच अभियान चलाया। अभियान के दौरान जिले के बालूद और बालपेट क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी गई। जांच के दौरान सात वाहन अवैध रेत ले जाते हुए पकड़े गए, जिनमें 2 हाइवा वाहन और 5 ट्रैक्टर शामिल थे।
कार्रवाई का विवरण
खनिज विभाग की टीम ने रात में कटेकल्याण रोड, बालूद क्षेत्र में 2 हाइवा वाहनों को रेत ले जाते हुए पकड़ा। वहीं, बालपेट क्षेत्र से 5 ट्रैक्टर बिना पिट पास के अवैध रेत परिवहन करते पाए गए। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी वाहनों को जिला कार्यालय परिसर में अभिरक्षा में रख लिया। अवैध वाहनों पर खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 तथा छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम, 2015 के तहत विधिवत कार्रवाई की जा रही है।
प्रशासन की चेतावनी
जिले के कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में अवैध खनन गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेत और अन्य खनिजों का अवैध उत्खनन और परिवहन न केवल सरकार की राजस्व हानि करता है, बल्कि पर्यावरण और जनहित को भी प्रभावित करता है। कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों और राजस्व अमले को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि नियम विरुद्ध गतिविधियों पर तुरंत रोकथाम और कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
खनिज विभाग की भूमिका
खनिज अधिकारी ने बताया कि विभागीय दल दिन-रात लगातार भ्रमण और निरीक्षण कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी ताकि जिले में अवैध खनन और रेत परिवहन पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित किया जा सके।
क्षेत्रीय महत्व
बालूद और बालपेट क्षेत्र जिले में रेत परिवहन के लिए प्रमुख मार्ग माने जाते हैं। अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए खनिज विभाग ने इन क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी। यह कार्रवाई न केवल राजस्व सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक हित के लिए भी आवश्यक है।
प्रशासन और विभाग की साझा पहल
जिला प्रशासन और खनिज विभाग ने मिलकर इस अभियान को प्रभावी बनाया। सभी निरीक्षण दलों ने वाहन चालकों से पिट पास और आवश्यक कागजात की मांग की। जिन वाहनों पर कोई वैधानिक प्रमाण नहीं पाया गया, उन्हें जब्त कर अभिरक्षा में रखा गया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप जिले में अवैध रेत खनन और परिवहन पर सख्त संदेश गया है। विभाग का लक्ष्य है कि सभी खनिज और प्राकृतिक संसाधनों का नियमों के अनुसार उत्खनन और परिवहन सुनिश्चित किया जाए।