
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल और डीएमऍफ़ घोटाले में एसीबी-ईओडब्लू के 3 अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप लगे हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल रिजवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपी निखिल चंद्राकर का बयान करवाने की प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने सबूत के साथ छेड़छाड़ और गलत तरीके से झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर 25 अक्टूबर तक अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं.
3 अधिकारियों पर आरोप
एसीबी-ईओडब्लू द्वारा बहुचर्चित कोल और डीएमऍफ़ घोटाले में जांच की जा रही है. इस मामले की जांच के दौरान निखिल चंद्राकर, जो जिला जेल धमतरी में किसी अन्य प्रकरण में निरुद्ध रहा है, उसके फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल रिजवी ने एसीबी-ईओडब्लू के अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप लगाए हैं.
जानें क्या है आरोप?
आरोप है कि अधिकारियों ने इस मामले में खुद दस्तावेज तैयार किए और एक पेनड्राइव में लाकर उसे कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद न्यायालय को प्रभाव में लेकर उस दस्तावेज का प्रिंटआऊट न्यायालय के कम्प्यूटर से लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए. उक्त दस्तावेजों में निखिल चंद्राकर का केवल हस्ताक्षर लिया गया है और न्यायालय के द्वारा उसका कोई कयन लेखबद्ध नहीं किया गया है.
कोर्ट ने भेजा नोटिस
पूरा मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने तीनों अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. साथ ही 25 अक्टूबर तक अदालत में पेश होने के निर्देश भी दिए हैं. दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा विशेष अदालत में पेश 1,500 पन्नों के दूसरे पूरक आरोप पत्र में खुलासा हुआ कि कोल लेवी से जुड़ा लेन-देन कांग्रेस ‘भवन’ में किया जाता था.