झोलाछाप Doctor के इलाज से 13 वर्षीय बच्ची की मौत, बिशेषरा गांव में मातम और आक्रोश…

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के बिशेषरा गांव में 13 वर्षीय बच्ची की झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के दौरान मौत का मामला सामने आया है। मृतक बच्ची खुशबू वाकरे, सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। परिजन रो-रो कर बुरी तरह टूट गए हैं और डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मृतक की मां ने बताया कि रात में खुशबू को अत्यधिक दस्त हो रहे थे। तबियत अचानक खराब होने के कारण उन्होंने बेटी का इलाज भगवान दास नामक झोलाछाप डॉक्टर से कराया, जो पिपलामार का निवासी है। परिवार पहले भी उसकी सेवाएं लेता रहा था और पहले इलाज सफल रहा। लेकिन इस बार इलाज के दौरान अचानक बच्ची की हालत और खराब हो गई और डॉक्टर ने उसे किसी बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। इसी दौरान खुशबू की मौत हो गई।
मृतक की मां ने बताया कि बिटिया की हालत लगातार बिगड़ रही थी। डॉक्टर भगवान दास ने कहा कि उसे किसी बेहतर अस्पताल ले जाया जाए, लेकिन तब तक बच्ची की तबियत इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद परिजनों ने खुशबू को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का कहना है कि बच्ची को अत्यधिक दस्त होने और डिहाइड्रेशन की वजह से झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से जान चली गई। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। वे कहते हैं कि यह पूरी घटना डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है। गांव में इस घटना के बाद लोग डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति चिंतित हो गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल ने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य और इलाज से संबंधित है, इसलिए जांच में सभी पक्षों को ध्यान में रखा जा रहा है। मर्ग कायम कर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर भी निगरानी बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। अधिकारी ग्रामीणों से अपील कर रहे हैं कि स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के लिए
प्रमाणित और योग्य डॉक्टर की सेवाएं ही लें। इस दुखद घटना ने पूरे बिशेषरा गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। परिजन एवं स्थानीय लोग मृतक के परिवार के पास पहुंचकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बच्ची को उचित इलाज मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल योग्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इलाज करने के निर्देश दिए जाएंगे।