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Congress बस्तर लोक प्रिय नेता Kavasi Lakhma गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल भी होंगे गिरफ्तार…

रायपुर: शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और दिग्गज आदिवासी नेता कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। इस घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री की संलिप्तता सामने आने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। गिरफतारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कवासी लखमा को 21 जनवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। कवासी लखमा के समर्थन में जहा एक ओर कांग्रेस के बड़े नेता उत्तर आये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस पूरी कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था तो वही अब प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ चरणदास महंत ने इस बीजेपी की गन्दी राजनीती का हिस्सा बताया है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर बीजेपी के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन का बयान सामने आया है। नितिन नबीन ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा है। नितिन नबीन ने कहा किट्राइबल आदमी द्वारा अपराध कराया गया। मास्टरमाइंड पीछे बैठा है। कानून इतना मजबूत है कि मास्टरमाइंड को जल्द ही पकड़ निकालेगा। दिखता है कि ट्राइबल के प्रति आपकी क्या सोच है। भूपेश बघेल आप बस नहीं बचेंगे। यह दिखाता है कि ट्राइबल को लेकर भूपेश बघेल की क्या सोच है। आप किस चीज के लिए जाने जाते हैं। इस अपराध का जनक बचेगा नहीं। श्वष्ठ ने दरअसल 28 दिसंबर को लखमा उनके बेटे हरीश समेत कुछ सहयोगियों के घर-दफ्तर पर छापा मारा था, जिसके बाद श्वष्ठ ने शराब घोटाले में कमीशन लेने के अहम सबूत मिलने का दावा किया था। श्वष्ठ ने इसी को लेकर 2 बार लखमा से 8-8 बार पूछताछ की थी। लखमा ने तब खुद के अनपढ़ होने का हवाला दिया था और इसका ठीकरा अधिकारियों पर फोड़ा था।

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रतिक्रिया आई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले की आशंका है, जिसकी जांच ईडी कर रही है। इसमें जो भी दोषी होंगे, उसके खिलाफ ईडी कार्रवाई करेगी। पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी भी ईडी की जांच के बाद हुई है। इस मामले में कांग्रेस के सुकमा बंद पर उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी करे। लेकिन, नियम सबके लिए बराबर है। बिलासपुर प्रवास के दौरान बुधवार की रात मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम साय ने कहा कि नगरीय निकाय और पंचायती राज विधेयक संशोधन के तहत जो आरक्षण लागू हुआ है वो संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आरक्षण लागू किया गया है। अगर इसे लेकर कोई कोर्ट जाते हैं तो उस पर बंदिश नहीं है। कोर्ट उस पर न्याय करेगा। लेकिन, इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है, बल्कि और प्रदेशों से अच्छा हम लोगों ने किया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद का गठन करके उसकी रिपोर्ट पर आरक्षण हुआ है। कई प्रदेशों में ऐसा प्रयास नहीं हुआ तो वहां पर चुनाव आयोग चुनाव कराता है और ओबीसी आरक्षण शून्य हो जाता है। यहां इस पर बेहतर और बहुत अच्छे से काम किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। हमारी डबल इंजन सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। हमने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया हैं। हमने स्कूलों मे शिक्षक पालक मीटिंग और न्योता भोज जैसे अभिनव पहल की शुरूआत की है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के पोषण को बेहतर बनाया जा सके। पीएमश्री स्कूलों में शिक्षा के लिए अच्छी अधोसंरचना और स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस विवेक ढांड को ईडी ने बताया सरगना

विवेक ढांड के निर्देशन में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी ने 2 हजार 161 करोड़ की अवैध कमाई कीछत्तीसगढ़ के अरबों रुपए के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड का नाम भी जुड़ गया है. ईडी ने विवेक ढांड को पूरे घोटाले का सरगना बताया है, जिसके निर्देशन में घोटाले के अहम किरदार अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी काम कर रहे थे. यही नहीं विवेक ढांड को इस घोटाले ने हिस्सेदारी भी मिलना बताया गया है.बता दें कि ईडी ने एक दिन पहले ही पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रिमांड पर लिया है. इसके साथ ही ईडी ने अपने दस्तावेजों में पूरे घोटाले का खाका खींचा है, जिसमें बताया गया कि किस तरह से पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक ढांड के निर्देशन में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अरुण पति त्रिपाठी ने फरवरी 2019 से लेकर जून 2022 के बीच 2 हजार 161 करोड़ की अवैध कमाई की। किस तरह से ये लोग शराब कंपनियों से शराब का अवैध उत्पादन करवाकर उसकी सप्लाई का सिंडिकेट चलाते थे, और बदले में कंपनियों से इन्हें कमीशन मिलता था. इस पूरे घोटाले का ताना बाना बुनने से लेकर अंजाम देने तक पूरा ब्योरा दिया गया है। कवासी लखमा दूसरे दिन भी अपने चिर परिचित अंदाज़ में ईडी अधिकारी को परेशान कर रखा और यहां वहां की बात कर अपने बयानों को भूलते रहे और बार बार एक ही बात कवासी लखमा द्वारा बतायी जा रही है। उन्होने कहा कि मुझे फँसा कर अधिकारीगण मज़े ले गए कुछ बड़े अधिकारी ढेबर और सिंडीकेट दलाल तथा भूपेश की वजह से ही मैं परेशान हो रहा हूँ। मुझे बेवजह परेशान करके फँसाया जा रहा है। शीघ्र ही लखमा सच्चाई बयान करेंगे। अधिकारियों को यह भी उम्मीद है कि एक दो दिन में कवासी लखमा सच्चाई के साथ सभी नेताओं का भंडाफोड़ करेंगे और जाँच में सहयोग की उम्मीद उच्च स्तरीय अधिकारियों को है। ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली क्क॥स्श्व (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था। ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दे दिया गया था।

लखमा अनपढ़ लेकिन नासमझ नही: सिंहदेव

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि फाइलों में कोई डील नहीं होती। जिसे भ्रष्टाचार या कमीशन कहा जा रहा है, अगर ये होता है। तो इसे फाइल में कोई नहीं लिखता कि किसका कितना हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि फाइल में केवल नीति होती है। बाकी चीजें बाहर होती है। उन्होंने कहा कि समाज की सच्चाई ये है कि कोई भी शासन में रहता है तो 19-20 होता है। लेकिन उस वक्त जो सरकार में हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि जहां गलत हो रहा है वहां जाकर उसे रोक जाए।

छापे में 1 रुपये भी नहीं मिले: भूपेश

गुरुवार को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूपेश बघेल ने कहा कि कवासी लखमा के यहां छापे में 1 रुपए भी नहीं मिला। छापे में कागजात भी नहीं मिले, वैसे भी वे अनपढ़ हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने सुशासन वाली सरकार के भ्रष्टाचार को उन्होंने उजागर किया। बात यहीं तक नहीं रुकी कुछ दिनों बाद बीजापुर में सडक़ में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर को मौत के घाट उतार दिया गया।

पूर्व मंत्री लखमा की जेड श्रेणी की सुरक्षा हटाई

शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद उनकी जेड श्रेणी की सुरक्षा हटा दी गई है। दरअसल, बुधवार को उन्हें जब कोर्ट में पेश किया गया था, तब सिक्योरिटी साथ में थी, लेकिन अब उसे हटा दिया गया है। इस बीच ईडी ने लखमा के सीए को तलब किया था, लेकिन शहर से बाहर होने की वजह से वे नहीं आए।इस बीच, लखमा को ईडी ने अपने पचपेढ़ीनाका स्थित दफ्तर में गुरुवार को दिनभर बिठाए रखा। उनसे किसी तरह की कोई पूछताछ नहीं की गई। बताया गया कि कई आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ईडी उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। पूर्व मंत्री के बेटे और पत्नी के खातों में जमा हुए पैसों का ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड भी चेक किया जा रहा है।

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